राजधानी दिल्ली में मेघालय के गारो हिल्स की 27 वर्षीय फ्लाइट अटेंडेंट रितू मारक को एक ही दिन में दो बार नस्लीय भेदभाव और अपमान का सामना करना पड़ा। यह घटना न केवल रितू के लिए बल्कि पूरे पूर्वोत्तर समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है। रितू ने बताया कि वह अपने पर्सनल काम के लिए कमला नगर गई थीं, जहां स्कूटर सवार कुछ युवकों ने उन्हें ‘चिंग चोंग’ कहकर अपमानित किया। इसके कुछ ही घंटे बाद मेट्रो में भी कुछ लोगों ने उन्हीं अपमानजनक शब्दों से उनका मजाक उड़ाया। इस घटना से वे मानसिक रूप से टूट गईं और भावुक होकर रो पड़ीं।
रितू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपनी पीड़ा साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि देश के भीतर अपने ही लोगों द्वारा इस तरह अपमानित होना बेहद दर्दनाक है। उन्होंने बताया कि वे पहले तीन साल बेंगलुरु में रहीं, जहां कभी ऐसा भेदभाव सहना नहीं पड़ा, जबकि दिल्ली में यह अनुभव बहुत तकलीफदेह रहा। उन्होंने लोगों से अपील की कि नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठाई जाए क्योंकि चुप्पी में ही यह बढ़ता है।
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के भेदभाव को समाज में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रितू को दिल्ली पुलिस के नॉर्थ ईस्ट सेल से संपर्क करने का सुझाव दिया, जो पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराधों की जांच करता है। मंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों को समान रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए और देश में किसी भी प्रकार का भेदभाव समाप्त होना चाहिए।
पूर्वोत्तर के लोगों के साथ देश के कई हिस्सों में होने वाले भेदभाव के कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने और जनता में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। रितू का संघर्ष और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उनका वीडियो इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर समाज की संवेदनशीलता बढ़ाने और सुधार के लिए प्रेरित करता है।