Amitabh Kant on Delhi AQI: दिल्ली की हवा दिवाली के बाद जहरीली हो चुकी है। पूर्व नीति आयोग के CEO और G20 शेरपा अमिताभ कांत ने इस पर गुस्सा जाहिर किया है। मंगलवार को उन्होंने दिल्ली के प्रदूषण प्रबंधन पर सीधा हमला बोला और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 'जीने और सांस लेने के अधिकार' के ऊपर 'पटाखे जलाने के अधिकार' को प्राथमिकता दी है। X पर अपनी भड़ास निकालते हुए अमिताभ कांत ने दिल्ली की खराब होती हवा का डरावना सच सामने रखा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगे 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 36 'रेड जोन' में चले गए हैं, और मुख्य इलाकों में AQI 400 के पार है। कांत ने सवाल उठाया कि जब लॉस एंजिल्स, बीजिंग और लंदन जैसे शहर अपनी हवा साफ कर सकते हैं, तो दिल्ली क्यों नहीं कर सकती? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को 'सही ढंग से और लगातार' लागू नहीं किया गया, तो दिल्ली एक 'स्वास्थ्य और पर्यावरणीय आपदा' की ओर बढ़ रही है।
दिल्ली को बचाने के लिए ये है अमिताभ कांत का रोडमैप
अमिताभ कांत ने सिर्फ आलोचना नहीं की, बल्कि दिल्ली की आबोहवा सुधारने के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान भी सुझाया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खूब उड़ी धज्जियां
सोमवार रात दिल्ली-NCR के कई इलाकों में रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की कोर्ट की अनुमति के बावजूद, देर रात तक जोरदार आतिशबाजी होती रही। अमिताभ कांत के ये बयान तब आए हैं जब दिवाली के जश्न के बाद दिल्ली घने स्मॉग की चादर में लिपट गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दोपहर 1 बजे AQI 357 ('बहुत खराब' श्रेणी) रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बवाना (432), जहांगीरपुरी (405), अशोक विहार (408) और वजीरपुर (408) जैसे कई इलाके 'गंभीर' जोन में पहुंच गए। जहरीली हवा के कारण राजधानी के निवासियों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी शिकायतें हुईं।
प्रशासनिक स्तर पर प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण CAQM पहले ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज II लागू कर चुका है, जिसके तहत निर्माण गतिविधियों और कचरा जलाने पर पाबंदी लगाई गई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में और ज्यादा बिगड़ सकती है, क्योंकि शांत हवा के कारण प्रदूषक निचले स्तर पर जमे रहेंगे।