West Bengal Elections 2026: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भरतपुर के विधायक और TMC के बागी नेता हुमायूं कबीर ने सोमवार (22 दिसंबर) को अपनी पार्टी 'जनता उन्नयन पार्टी (JUP)' का ऐलान कर दिया। साथ ही कई उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए। इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भी जमकर हमला बोला। इससे राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गई है।
हुमायूं कबीर ने खुले मंच से BJP और विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए कहा, "अगर मैं 200 सीटों पर चुनाव लड़ता हूं, तो 100 सीटें जीतूंगा।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "देखते हैं तुम कितने बड़े पहलवान हो। मुझ पर हाथ रखकर दिखाओ।" उनके इस बयान को सीधे तौर पर BJP को खुली चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
इतना ही नहीं, हुमायूं कबीर ने मुसलमानों को लेकर राजनीति करने के आरोप में दोनों बड़ी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अक्सर 'दुधारू गाय' समझा जाता है। लेकिन सवाल यह है कि उन्हें बदले में क्या मिला। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "आपने कितने मुसलमानों को नौकरी दी? मुसलमान इतने मुर्ख नहीं है, वे अब शक्तिशाली मुकाम पर पहुंच गए है।"
वहीं, उन्होंने TMC के बाहरी नेताओं की भी आलोचना की। उन्होंने बंगाली पहचान के मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए कहा, "आप बंगालियों की बात करते है, तो क्या कीर्ति आजाद, शत्रुघ्न सिन्हा या यूसुफ पठान बंगाली हैं?" इसके साथ ही पार्टी से निलंबित किए जाने पर भी उन्होंने ममता बनर्जी को घेरा। उन्होंने कहा, "ममता अब पहले जैसी नहीं रही।"
सवाल उठाते हुए हुमायूं ने कहा, "आपने रात के अंधेरे में किससे बात की और मुझे निलंबित कर दिया?" साथ ही अखरुज्जमान, अबू ताहेर खान, नरुगोपाल मुखर्जी, अपूर्बा सरकार का भी नाम लिया। कबीर ने पूछा कि क्या हुमायूं को पार्टी से निष्कासित करने में कोई नुकसान होगा? तो इन्होंने कहा, नहीं कोई नुकसान नहीं होगा। हुमायूं ने दावा किया कि, ममता को इस बार मुर्शिदाबाद के 22 विधानसभा सीटों में से शून्य सीट देंगे।
राजनीतिक जानकार कहते है कि हुमायूं कबीर खुद को एक अलग राजनीतिक धारा के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। वे न तो पूरी तरह BJP के साथ खड़े दिख रहे हैं और न ही कोई और पार्टी के साथ। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले उनके इस आक्रामक रुख से मुर्शिदाबाद और आसपास के इलाकों में वोटों के बंटवारे की आशंका बढ़ गई है।