BMC Elections: महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और राज्य के 28 अन्य नगर निगमों के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन हाई-स्टेक चुनावों के लिए 15 जनवरी को वोटिंग होगी और 16 जनवरी को मतगणना होनी है। ये चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि शिवसेना में हुए बड़े विभाजन (2022) के बाद ये पहले BMC चुनाव होंगे, जहां उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) का सीधा मुकाबला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट से होगा।
राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने घोषणा की कि 29 नागरिक निकायों में कुल 2,869 सीटें दांव पर होंगी, जिसमें 3.48 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं।
मतगणना की तारीख: 16 जनवरी
नामांकन प्रक्रिया: 23 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर तक चलेगी।
प्रमुख निगम: जिन प्रमुख शहरी निकायों में चुनाव होने हैं, उनमें मुंबई (BMC) के अलावा नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर शामिल हैं।
शिवसेना (UBT) के लिए 'हाई-स्टेक' मुकाबला
यह चुनाव शिवसेना (UBT) के लिए 'करो या मरो' की लड़ाई जैसा है, क्योंकि यह मुंबई की राजनीतिक और वित्तीय सत्ता पर नियंत्रण स्थापित करने का मौका देगा। यह 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद पहला BMC चुनाव है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) का सीधा मुकाबला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट से होगा, जो महाराष्ट्र में सत्ताधारी भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का हिस्सा है।
'वोट चोरी' पर छिड़ा हुआ है घमासान
चुनाव की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब मुंबई में कथित 'वोट चोरी' को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ रहा है। विपक्षी दलों का दावा है कि महत्वपूर्ण नागरिक चुनावों से पहले मतदाता सूचियों में काल्पनिक और डुप्लीकेट मतदाताओं को शामिल करके सूचियों को फुलाया गया है। BMC ने मतदाता सूची को साफ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं शिवसेना (UBT) ने भी सभी 227 नागरिक वार्डों में एक समानांतर, जमीनी स्तर पर सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है।
जारी किए गए हजारों डुप्लीकेट वोटर कार्ड: UBT का आरोप
शिवसेना (UBT) नेताओं का दावा है कि उनके कार्यकर्ताओं ने हजारों जाली और डुप्लीकेट प्रविष्टियों की पहचान की है। उनका तर्क है कि ऐसी विसंगतियां चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। उनका यह भी कहना है कि कई पुराने निवासी, विशेष रूप से मराठी मतदाता, गलती से 'डुप्लीकेट' के रूप में चिह्नित किए गए हैं, जिससे उनके मतदान के अधिकार को खतरा हो सकता है।