Delhi Acid Attack Case: घर से टॉयलेट क्लीनर ले गई और खुद अपने…एसिड अटैक की पलट गई कहानी

Delhi Acid Attack: पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान पिता ने स्वीकार किया कि उसकी बेटी ने खुद ही अपने हाथों पर टॉयलेट क्लीनर डाला था, ताकि ऐसा लगे जैसे उस पर एसिड अटैक हुआ हो। छात्रा ने शुरुआत में तीन लोगों – जितेंद्र, ईशान और अरमान पर लक्ष्मीबाई कॉलेज (उत्तर-पश्चिम दिल्ली) के पास हमला करने का आरोप लगाया था

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 8:45 AM
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दिल्ली एसिड अटैक की पलट गई कहानी, पीड़िता का पिता हुआ गिरफ्तार

दिल्ली में एसिड अटैक मामले में हैरान कर देने वाली खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोप लगाने वाली डीयू की छात्रा ने अपने पिता के कहने पर झूठ बोला था, क्योंकि उसका पिता अपने खिलाफ रेप की शिकायत का बदला लेना चाहता था। वहीं एसिड अटैक का झूठा आरोप लगाने के मामले में पुलिस ने सोमवार को उसके पिता को गिरफ्तार किया है।

पीड़िता ने खुद अपने हाथों पर डाला

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के दौरान पिता ने स्वीकार किया कि उसकी बेटी ने खुद ही अपने हाथों पर टॉयलेट क्लीनर डाला था, ताकि ऐसा लगे जैसे उस पर एसिड अटैक हुआ हो। छात्रा ने शुरुआत में तीन लोगों जितेंद्र, ईशान और अरमान पर लक्ष्मीबाई कॉलेज (उत्तर-पश्चिम दिल्ली) के पास हमला करने का आरोप लगाया था, लेकिन जांच में यह आरोप झूठा निकला। पुलिस ने सोमवार को बताया कि छात्रा के पिता अकील खान को टॉयलेट क्लीनर से एसिड अटैक की झूठी कहानी गढ़ने और जितेंद्र नाम के उस व्यक्ति की पत्नी से रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिस पर अकील खान की बेटी ने अपने ऊपर एसिड फेंकने का आरोप लगाया था।

इससे पहले दिन में पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि जितेंद्र की पत्नी ने तीन दिन पहले भलस्वा डेयरी पुलिस स्टेशन में छात्रा के पिता के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 2021 से 2024 के बीच छात्रा के पिता की सॉक्स फैक्ट्री में काम करती थी, जहां उसने उसके साथ यौन शोषण किया और निजी फोटो व वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल भी किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “शिकायतकर्ता यानी जितेंद्र की पत्नी ने छात्रा के पिता पर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।”


जितेंद्र को फंसाने के लिए रची थी साजिश

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि हमले के वक्त जितेंद्र उस जगह पर मौजूद नहीं था। एक अधिकारी ने बताया, “टेक्निकल सर्विलांस से पता चला है कि जितेंद्र उस समय करोल बाग में एक घर में काम कर रहा था।” उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। जिस स्थान पर कथित हमला हुआ, वहां CCTV कैमरे नहीं लगे थे, लेकिन वहां तक जाने वाली सड़कों की फुटेज की जांच की गई। पुलिस के मुताबिक, उसमें कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर नहीं आया।

पुलिस ने जितेंद्र से पूछताछ की और ईशान और अरमान का पता लगाया, जो फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं। पुलिस ने बताया, “हमने दोनों को मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया है।” पुलिस के अनुसार, ईशान और अरमान सगे भाई हैं और छात्रा के दूर के रिश्तेदार हैं। अधिकारी ने बताया, “इन दोनों भाइयों और छात्रा के परिवार के बीच एक जमीन का विवाद चल रहा है, जो कोर्ट में है। हालांकि, उनका जितेंद्र से कोई संबंध नहीं है।”

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