अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो फरीदाबाद के धौज में है और जो लाल किले ब्लास्ट और "व्हाइट कॉलर" आतंक मॉड्यूल मामले में जांच के दायरे में है, उसका आतंकवादियों के साथ पुराना संबंध है। सूत्रों के अनुसार, इंडियन मुजाहिदीन का भगोड़ा आतंकवादी मिर्जा शादाब बेग, जो 2008 के कई धमाकों में आरोपी है, वह इसी यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र था। उस पर ₹1 लाख का इनाम भी घोषित है। बेग ने यहां 2007 में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.टेक किया था।
बेग, जो इंडियन मुजाहिदीन का प्रमुख ऑपरेटिव था, 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट, अहमदाबाद-सूरत बम विस्फोट और 2007 के गोरखपुर धमाकों का आरोपी है। धमाकों के बाद वह असली पासपोर्ट से यात्रा कर गायब हो गया और 19 सितंबर 2008 से लापता है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, बेग, जो आजमगढ़ के राजा का किला मोहल्ले का निवासी है, सऊदी अरब में रह रहा है। आखिरी बार उसे 2019 में अफगानिस्तान में देखा गया था।
अल फलाह यूनिवर्सिटी की जांच तब शुरू हुई, जब वहां के चार फैकल्टी सदस्य और एक मौलवी लाल किले के बाहर 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट से जुड़े पाए गए, जिसमें 10 लोग मारे गए।
डॉ. उमर-उन-नबी ने विस्फोटक से भरी i20 कार चलाई थी, जबकि मुजम्मिल गनई, अदील राठर और शाहीना सईद 'व्हाइट कॉलर' आतंक साजिश में मुख्य सदस्य थे।
हालिया, धमाके ने मिर्जा शादाब बेग का ध्यान फिर से इस मामले में खींचा है, क्योंकि जांचकर्ताओं ने उसके और लाल किले ब्लास्ट के बीच नए कनेक्शन पाए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि दो घटनाओं के बीच कनेक्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जो लगभग दो दशक दूर हो रखी हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी के पैतृक घर को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गिराने का नोटिस भी जारी किया गया है।
इंदौर के मिलिट्री हेडक्वार्टर ऑफ वॉर (MHOW) कैंटोनमेंट बोर्ड ने सिद्दीकी के परिवार को तीन दिन के अंदर मकान खाली करने का आदेश दिया है, जिसके बाद उसका ध्वस्त करना शुरू होगा।
मकान, जो सिद्दीकी के पिता हमद अहमद सिद्दीकी के नाम पर दर्ज है, उसे लगभग तीन दशक पहले अवैध घोषित कर दिया गया था।
जवादा अहमद सिद्दीकी को मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया और 415 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में 13 दिन की ED हिरासत में भेज दिया गया है। इसके तहत फर्जी मान्यता और कानूनी स्थिति का दुरुपयोग कर यह राशि जुटाने का आरोप है।