नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक बड़े ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। कार्रवाई में NCB ने तीन आरोपी को भी हिरासत में लिया है। राजधानी में ये मेथामफेटामाइन की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक में है। तीन दिन चले इस ऑपरेशन में 328.54 किलो मेथ बरामद की गई, जिसकी क़ीमत लगभग 262 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
नागालैंड की महिला गिरफ्तार
इस मामले में नागालैंड की एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच आगे बढ़ी जब टीम ने नोएडा सेक्टर-5 में रहने वाले 25 साल के शेन वारिस को पकड़ा। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के मंगरौली गांव का निवासी है। वारिस को इस ड्रग सिंडिकेट का अहम कड़ी माना जा रहा है।
वारिस, कथित तौर पर नकली सिम कार्ड इस्तेमाल करता था और WhatsApp व Zangi जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए काम करता था। वह अपने विदेशी हैंडलर्स से इन्हीं प्लेटफ़ॉर्म पर निर्देश लेता था। 20 नवंबर को उसे हिरासत में लिया गया। पूछताछ में वारिस ने नेटवर्क में अपनी भूमिका कबूल कर ली। उसने एस्थर किनिमी नाम की एक महिला का नाम भी बताया, जिसने पोर्टर डिलीवरी राइडर के ज़रिए भेजे गए ड्रग्स के एक कंसाइनमेंट को आगे सप्लाई किया था। वारिस ने उसके संपर्क नंबर, पता और ऑपरेशन से जुड़ी दूसरी जानकारी भी अधिकारियों को दे दी।
छतरपुर रेड में 328 किलो मेथ बरामद
वारिस से मिली जानकारी के आधार पर NCB की टीम ने 20 नवंबर की रात छतरपुर एन्क्लेव में एक फ्लैट पर छापा मारा। फ्लैट के अंदर से 328.54 किलो हाई-क्वालिटी मेथामफेटामाइन बरामद हुआ, जिसे आगे सप्लाई करने के लिए पैक करके रखा गया था। अधिकारियों का कहना है कि यह दिल्ली में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी में से एक है। ड्रग्स जिस घर से पाए गए, उसकी मालकिन एस्थर किनिमी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि वारिस विदेश में बैठे ऑपरेटरों द्वारा चलाए जा रहे एक बड़े सिंथेटिक ड्रग नेटवर्क का अहम हिस्सा था। उसकी जानकारी ने जांचकर्ताओं को बाकी सदस्यों की पहचान करने, उनके रूट समझने, छिपे ठिकाने ढूंढने और इस सिंडिकेट के वित्तीय नेटवर्क के कुछ हिस्सों का पता लगाने में बड़ी मदद की है। जांच अभी जारी है। एजेंसियां सप्लाई चेन, कूरियर, फाइनेंसर, विदेशी कंट्रोलर और दूसरे स्टोरेज पॉइंट्स पर लगातार नजर रख रही हैं।
ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस
“ऑपरेशन क्रिस्टल फोर्ट्रेस” नाम की यह बड़ी कार्रवाई कई महीनों की निगरानी, तकनीकी इंटरसेप्ट और अलग-अलग एजेंसियों के आपसी सहयोग का नतीजा है। NCB के अनुसार, यह ड्रग सिंडिकेट दिल्ली–NCR में कई कूरियर, कई स्तर के हैंडलर्स और कई सुरक्षित ठिकानों का इस्तेमाल करता था। गिरफ्तार महिला के घर को भी एक बड़े स्टोरेज पॉइंट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। जांच में इस रैकेट के कथित किंगपिन की भी पहचान कर ली गई है। वह विदेश से ही पूरे नेटवर्क को कंट्रोल करता है और पिछले साल दिल्ली में पकड़ी गई 82.5 किलो कोकीन के केस में पहले से वॉन्टेड है। उसे भारत लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से कोशिशें जारी हैं। NCB ने इस ड्रग कार्टेल को हाल के समय में राजधानी में पकड़े गए सबसे संगठित सिंथेटिक-ड्रग नेटवर्क में से एक बताया है।
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