Delhi Classroom Scam: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के शासनकाल के दौरान राजधानी के स्कूलों में क्लासरूम के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये के फंड की कथित हेराफेरी के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। सत्येंद्र जैन को 6 जून को एसीबी कार्यालय में बुलाया गया है। जबकि मनीष सिसोदिया को 9 जून को पेश होने को कहा गया है। ACB ने सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम के निर्माण में कथित 2,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर AAP के पूर्व मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को तलब किया है।
यह मामला 30 अप्रैल को ACB द्वारा रजिस्टर्ड एक एफआईआर से उपजा है, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभियोजन को मंजूरी दी थी। आरोपों के केंद्र में बड़े पैमाने पर लागत वृद्धि है। मूल अनुमानित लागत लगभग 1,200 रुपये प्रति वर्ग फुट थी। वहीं, वास्तविक खर्च लगभग 2,292 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई। ACB का दावा है कि प्रत्येक क्लासरूम की लागत लगभग 24.86 लाख रुपये बनाने के लिए है, जो कि लगभग 5 लाख रुपये से अधिक है।
AAP ने कहा है कि आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन दोनों पहले से ही अलग कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था। जबकि जैन को एक मनी लॉन्ड्रिंग जांच में हिरासत में लिया गया था। दोनों वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर हैं।
ACB ने एक बयान में बताया कि एफआईआर 30 अप्रैल को दर्ज की गई थी। इस मामले में पूछताछ के लिए सत्येंद्र जैन को 6 जून को पेश होने के लिए बुलाया गया है, जबकि मनीष सिसोदिया को 9 जून को तलब किया गया है। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अभी तक समन पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
दिल्ली में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा सहित सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं की जुलाई 2019 में की गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें कहा गया था कि कुल 2,892 करोड़ रुपये की लागत से 12,748 क्लासरूम बनाई गईं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि टेंडर 24.86 लाख रुपये प्रति क्लासरूम की दर से दिए गए। जबकि इनका निर्माण लगभग 5 लाख रुपये में किया जा सकता था। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया कि इन निर्माण कार्यों के लिए ठेके 34 ठेकेदारों को दिए गए। इनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ दल से संबंधित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मामले में जैन और सिसोदिया के खिलाफ FIR दर्ज करने की मंजूरी दिए जाने के एक महीने से अधिक समय बाद यह एफआईआर दर्ज की गई। जैन दिल्ली पीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्री थे। जबकि सिसोदिया के पास अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली AAP सरकार में शिक्षा विभाग था।
दिल्ली ACB प्रमुख मधुर वर्मा ने मामले में एक बयान में कहा था कि जांच एजेंसी ने पाया है कि इन परियोजनाओं को शुरू में जून 2016 तक पूरा करने की मंजूरी दी गई थी। लेकिन डेडलाइन में एक भी काम पूरा नहीं हुआ, जिससे लागत बढ़ गई।