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सिर पर सफेद गठरी और पारंपरिक साड़ी...सबरीमाला में पूजा करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सन्निधानम पहुंचने पर उन्होंने मंदिर तक जाने के लिए 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ीं। वहां केरल के देवस्वओम मंत्री वी.एन. वासवन और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर के तंत्री कंदारारू महेश मोहनारू ने राष्ट्रपति मुर्मू का पूर्ण कुंभ से पारंपरिक स्वागत किया

अपडेटेड Oct 22, 2025 पर 11:07 PM
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन किए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन किए। इस ऐतिहासिक यात्रा के साथ वे इस प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में पूजा करने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गईं। इससे पहले, 1970 के दशक में राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने इस मंदिर में दर्शन किए थे, और अब द्रौपदी मुर्मू दूसरी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने यहां पूजा की। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सबरीमाला मंदिर में दर्शन और पूजा की तथा भगवान अयप्पा से देशवासियों की भलाई और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।”

सबरीमाला में पूजा करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू

सुबह करीब 11 बजे, राष्ट्रपति मुर्मू एक विशेष काफिले के साथ पंबा पहुंचीं। वहां उन्होंने पंपा नदी में पैर धोए, फिर भगवान गणपति मंदिर समेत आसपास के अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ एडीसी सौरभ एस. नायर, पीएसओ विनय माथुर और दामाद गणेश चंद्र होम्ब्रम भी मौजूद थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंदिर के पास पारंपरिक रीति के अनुसार पत्थर की दीवार पर नारियल फेंका और अपनी पवित्र पोटली सिर पर रखकर विशेष चार पहिया वाहन में सवार हुईं। इसके बाद वे लगभग 4.5 किलोमीटर लंबे स्वामी अय्यप्पन मार्ग और भगवान अय्यप्पा मंदिर के पारंपरिक पैदल मार्ग से होते हुए सन्निधानम पहुंचीं।

राष्ट्रपति ने चढ़ीं 18 पवित्र सीढ़ियां


वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सन्निधानम पहुंचने पर उन्होंने मंदिर तक जाने के लिए 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ीं। वहां केरल के देवस्वओम मंत्री वी.एन. वासवन और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पी.एस. प्रशांत ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर के तंत्री कंदारारू महेश मोहनारू ने राष्ट्रपति मुर्मू का पूर्ण कुंभ से पारंपरिक स्वागत किया। मंदिर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पारंपरिक रीति से सिर पर पवित्र पोटली रखकर भगवान अय्यप्पा के दर्शन किएइसके बाद उन्होंने और उनकी टीम ने अपनी पवित्र पोटली (इरुमुदिकेट्टू) मंदिर की सीढ़ियों पर रख दी, जिसे मंदिर के मुख्य पुजारी (मेलशंती) ने पूजा के लिए अपने पास ले लिया।

राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा सुप्रीम कोर्ट के 2018 के ऐतिहासिक फैसले के संदर्भ में प्रतीकात्मक महत्व रखती है। उस फैसले में अदालत ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे सदियों पुराने प्रतिबंध को समाप्त कर दिया था। अदालत ने कहा था कि यह प्रतिबंध समानता और धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

वहीं इस ऐतिहासिक मौके की सराहना करते हुए भाजपा नेता बंदी कुमार संजय ने कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 67 वर्ष की हैं। उन्होंने न तो कोई नियम तोड़ा और न ही किसी की आस्था को ठेस पहुंचाई बल्कि उन्होंने परंपरा का सम्मान किया। ऐसा करके वे इरुमुडी धारण करने और भगवान अय्यप्पा के सामने सिर झुकाने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बन गईं।”

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