देश की राजधानी दिल्ली से कुछ ही किलोमीटर दूर, हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश का खुलासा हुआ है। इन आतंकी नेटवर्क ने पूरे खुफिया एंजेसी में हकड़ंप मचा दिया। बता दें कि सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद में एक डॉक्टर के घर से 360 किलो विस्फोटक ( अमोनियम नाइट्रेट) बरामद किया गया है। इसके साथ ही असॉल्ट राइफल और कारतूस भी मिले हैं। यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस ने छापा मारा था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन ने इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मेडिकल प्रोफेशनल्स और मौलवी शामिल हैं।
स्लीपर सेल की तरह काम कर रहा था नेटवर्क
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े कुछ लोगों के एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो देशभर में बड़े आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। जांच के दौरान दिल्ली के पास फरीदाबाद से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क “स्लीपर सेल” की तरह काम कर रहा था, जो खुद को प्रोफेशनल के रूप में छिपाकर सक्रिय था।
एक पोस्ट से खुला सारा राज
CNN-News18 की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच की शुरुआत श्रीनगर के नौगाम इलाके से हुई, जब एक पोस्टर मिला जिसमें लोगों को केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग न करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने संदिग्ध का पता सहारनपुर में लगाया, जहां उसकी पहचान डॉ. अदील के रूप में हुई। वह कश्मीर का रहने वाला डॉक्टर है। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़े डॉक्टरों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय था।
चार साल पहले बना था नेटवर्क
अधिकारियों के मुताबिक, यह नेटवर्क 2021-22 में हाशिम नाम के एक व्यक्ति के नेतृत्व में बना था। बाद में घाटी में डॉ. उमर ने इसे दोबारा सक्रिय किया। रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. अदील इस ग्रुप में नए लोगों को जोड़ने (रिक्रूट करने) और फरीदाबाद में एक मेडिकल सेंटर चलाने वाले डॉ. मुजम्मिल से संपर्क बनाए रखने का काम करता था। डॉ. अदील के बताए सुरागों पर कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस दौरान करीब 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल, एक AK-47 राइफल, उसकी मैगज़ीन, एक पिस्तौल, जिंदा कारतूस और अन्य हथियार बरामद किए गए। इससे पहले, अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉ. अदील के लॉकर से भी एक और AK-47 मिली थी। यह बरामदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।
खाड़ी देशों से मिलता था फंडिंग
फरीदाबाद के पास धौज गांव में तलाशी के दौरान जांच टीम को अल-फला नाम का एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मिला, जिसे बताया जा रहा है कि उसे खाड़ी देशों से फंडिंग मिलती थी। पुलिस को शक है कि डॉ. मुजम्मिल का इस कॉलेज से गहरा संबंध था और इस जगह का इस्तेमाल हथियारों और विस्फोटकों को छिपाने के लिए किया जा रहा था। जांच एजेंसियां अब इस संस्थान और इसके फंड के स्रोतों की गहराई से जांच कर रही हैं।
इन आंतकी संगठनों से था जुड़ाव
रिपोर्ट में शामिल अधिकारियों के मुताबिक, यह नेटवर्क अपना अलग आतंकवादी संगठन बनाने की तैयारी में था, जो सोच और विचारधारा के स्तर पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़ा हुआ था। बताया गया है कि इस ग्रुप ने दिल्ली-एनसीआर को अपने संभावित हमले के निशाने के रूप में चुना था और इसके लिए गुप्त रूप से योजनाएं बनाई जा रही थीं। आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि हथियार और विस्फोटक कहाँ से लाए गए थे और इस पूरे नेटवर्क में कौन-कौन शामिल है। उनका मुख्य लक्ष्य इस पूरी सप्लाई चेन और उससे जुड़े बड़े नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है।