'पहचानो, हटाओ और देश से बाहर करो...', घुसपैठियों पर अमित शाह ने बताई सरकार की रणनीति

गृहमंत्री ने कहा कि, वोटर लिस्ट में विदेशी नागरिक नहीं होने चाहिए। हम एक भी घुसपैठिया उसमें नहीं रहने देंगे। कुछ दल ऐसे हैं जिन्हें भारतीय नागरिक वोट नहीं देते, उन्हें सिर्फ विदेशी नागरिक वोट देते हैं। लेकिन अब तो वे सभी विदेशी नागरिक वोटर लिस्ट से हटने वाले हैं तो उन्हें वे वोट भी नहीं मिल पाएंगे। इसके लिए मुझे उन दलों से हमदर्दी है

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 8:47 PM
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चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने चुनाव सुधार, SIR, घुसपैठियों और विपक्ष के सवालों का खुलकर जवाब दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में एक जोरदार भाषण दिया। चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने चुनाव सुधार, SIR, घुसपैठियों और विपक्ष के सवालों का खुलकर जवाब दिया। बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष वोट बैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों का बचाव कर रहा है। उनके इन बयानों के बाद सत्र के अंत में INDIA ब्लॉक के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

पहचानो, हटाओ और देश से बाहर करो...

अमित शाह ने अपने संबोधन में साफ कहा कि सरकार की नीति गैर-कानूनी घुसपैठियों और अवैध रूप से रह रहे लोगों के प्रति बिल्कुल स्पष्ट है—“पहचानो, हटाओ और देश से बाहर करो।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर विपक्ष का विरोध इसलिए है, क्योंकि उन्हें डर है कि वोटर लिस्ट से ऐसे गैर-कानूनी मतदाता हट जाएंगे जिन्हें कथित तौर पर गलत तरीके से जोड़ा गया था।


अमित शाह ने लोकसभा में कही ये बात 

गृहमंत्री ने कहा कि, वोटर लिस्ट में विदेशी नागरिक नहीं होने चाहिए। हम एक भी घुसपैठिया उसमें नहीं रहने देंगे। कुछ दल ऐसे हैं जिन्हें भारतीय नागरिक वोट नहीं देते, उन्हें सिर्फ विदेशी नागरिक वोट देते हैं। लेकिन अब तो वे सभी विदेशी नागरिक वोटर लिस्ट से हटने वाले हैं तो उन्हें वे वोट भी नहीं मिल पाएंगे। इसके लिए मुझे उन दलों से हमदर्दी है। इसके साथ ही अमित शाह ने ये भी बताया कि घुसपैठियों को बाहर करने के लिए सरकार कैसे काम कर रही है। उन्होंने 2011 की जनगणना के आंकड़ों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल जैसे सीमा से लगे इलाकों में मुस्लिम आबादी की दशकीय वृद्धि दर असामान्य रूप से अधिक रही है, और यह वृद्धि बिना घुसपैठ के संभव नहीं हो सकती।

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि धार्मिक उत्पीड़न से बचकर आने वाले शरणार्थियों और आर्थिक लाभ या अशांति फैलाने की नीयत से घुसपैठ करने वालों के बीच बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) उन शरणार्थियों की मदद के लिए बनाया गया है, जबकि घुसपैठियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। शाह ने दो टूक कहा कि भारत “कोई धर्मशाला नहीं है,” जहाँ कोई भी आकर बस जाए। देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। उनका आरोप था कि राज्य सरकार सीमा क्षेत्रों में बाड़ लगाने के लिए ज़मीन अधिग्रहण में देरी कर रही है और अवैध निवासियों को आधार कार्ड दिलवाने में मदद कर रही है, जिससे घुसपैठ को बढ़ावा मिलता है। शाह के अनुसार, इसी राजनीतिक प्रोत्साहन की वजह से पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में घुसपैठ लगातार जारी है, जबकि गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में ऐसा नहीं है।

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