Anmol Bishnoi: गृह मंत्रालय ने गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को एक साल के लिए किसी भी पुलिस या जांच एजेंसी की हिरासत में लेने पर रोक लगा दी है। यह फैसला भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 303 के अंतर्गत लिया गया है। केंद्रीय मंत्रालय के आदेश के अनुसार, किसी भी राज्य पुलिस बल या एजेंसी को अनमोल बिश्नोई से पूछताछ करने के लिए अब दिल्ली की तिहाड़ जेल परिसर में ही उससे पूछताछ करनी होगी। गौरतलब है कि अनमोल बिश्नोई बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और अभिनेता सलमान खान के आवास के बाहर हुई हालिया गोलीबारी की घटना में मुख्य आरोपी है।
बता दें कि गृह मंत्रालय ने लॉरेंस बिश्नोई के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी किया था, जो एक साल से अधिक समय से गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं।
अनमोल के कोर्ट मामलों के दौरान उसकी सुरक्षा को देखते हुए ये असाधारण कदम उठाए गए हैं। विशेष NIA जज ने सुनवाई को सामान्य अदालत से हटाकर NIA मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया है, क्योंकि उसके वकील ने जीवन के खतरे का हवाला देते हुए आवेदन दिया था। शुक्रवार को अनमोल विश्नोई की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी।
कोर्ट से मांगी थी सुरक्षा
दरअसल, गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई ने जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। उसने NIA कोर्ट से अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। अनमोल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बताया था कि पाकिस्तानी गैंगस्टर शहजाद भट्टी से उसकी जान को बड़ा खतरा है। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में अनमोल और उसके परिवार को खुलेआम हत्या की धमकी दी गई थी। अनमोल की ओर से कहा गया कि यह पहली बार नहीं है, जब इस गैंगस्टर ने ऐसी धमकी दी हो। मार्च 2025 में भी जालंधर में एक यूट्यूबर के घर ग्रेनेड हमला इसी गैंगस्टर की वीडियो धमकियों के बाद हुआ था। धमकी देने वाले गैंगस्टर ने उस हमले की जिम्मेदारी भी ली थी, इसलिए यह खतरा मजाक नहीं, बल्कि असली और गंभीर माना जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने लॉरेंस बिश्नोई के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी किया था
गृह मंत्रालय ने अनमोल के भाई लॉरेंस बिश्नोई के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी किया था, जो एक साल से अधिक समय से गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं। गंभीर खतरे की आशंका को देखते हुए, अनमोल की अदालती कार्यवाही के दौरान भी असाधारण उपाय किए गए थे।