मनरेगा से कितनी अलग है नई VB-G RAM G योजना, क्या है अंतर और क्यों किया गया बदलाव? जानें सभी जुरूरी सवालों के जवाब

VB–G RAM G: नई और पुरानी योजना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन आइए आपको आसान और सरल शब्दों में दोनों योजनाओं के बीच के अंतर को समझाते हैं। क्योंकि इन कदमों से दावा किया जा रहा है कि पैसा सही काम पर लगेगा और गड़बड़ी पकड़ में आएगी

अपडेटेड Dec 18, 2025 पर 3:17 PM
Story continues below Advertisement
मनरेगा से कितनी अलग है नई VB–G RAM G योजना, क्या है अंतर और क्यों किया गया बदलाव?

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह लेने वाला जी राम जी विधेयक आज सुबह लोकसभा में विपक्षी सांसदों के भारी विरोध के बीच पारित हो गया। विपक्ष के सदस्य अध्यक्ष के यह कहने के बाद कि विधेयक पर विस्तार से चर्चा हो चुकी है, सदन के भीतर विरोध प्रदर्शन करने लगे और बिल की कॉपी फाड़ कर चेयर की तरफ फेंकी। विपक्ष विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजना चाहता था। अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

इससे पहले, कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा, DMK के टीआर बालू और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सहित विपक्ष के कई सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया था। विपक्षी सांसदों ने कहा कि कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है और यह भी बताया कि विधेयक राज्यों पर ज्यादा बोझ डालता है।

विधेयक के पक्ष में तर्क देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने कानूनों का नाम केवल नेहरू के नाम पर रखा है और अब NDA सरकार पर सवाल उठा रही है। उन्होंने प्रियंका गांधी के उस बयान का भी खंडन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को नाम बदलने का "जुनून" है।

चौहान ने कहा कि विपक्ष को नाम बदलने का "जुनून" है और नरेंद्र मोदी सरकार का ध्यान केवल काम पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का एक जरिया मात्र था और इस बात पर जोर दिया कि यह नया कानून हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद लाया गया है।

नई और पुरानी योजना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन आइए आपको आसान और सरल शब्दों में दोनों योजनाओं के बीच के अंतर को समझाते हैं।


क्या है VB–G RAM G?

इस नए कानून के तहत सरकार हर ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य दिहाड़ी मजदूरी वाला काम करना चाहते हैं, साल में 125 दिन का रोजगार गारंटी के साथ देगी। इस योजना का मकसद सिर्फ काम देना नहीं, बल्कि गांवों में मजबूत और टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना भी है, ताकि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य पूरा करने में गांव भी बड़ी भूमिका निभाएं।

कौन-कौन से काम कराए जाएंगे?

योजना चार बड़े सेक्टर पर फोकस करेगी:

  • पानी से जुड़ा काम, जैसे तालाब, जल संरक्षण, सिंचाई से जुड़े स्ट्रक्चर
  • गांव की सड़कें, कनेक्टिविटी और दूसरी बुनियादी सुविधाएं
  • आजीविका से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे स्टोरेज, मार्केट, प्रोडक्शन से जुड़े ढांचे
  • मौसम और जलवायु से होने वाले नुकसान (बाढ़, सूखा आदि) से बचाव वाले काम

इन सभी के तहत बनने वाले एसेट्स को एक बड़े डिजिटल स्ट्रक्चर में जोड़ा जाएगा, जिसे विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक (Vikshit Bharat National Rural Infrastructure Stack) कहा गया है।

मनरेगा से कितनी अलग है ये योजना?

पहले मनरेगा में साल के 100 दिन रोजगार की गारंटी थी, अब इसे 125 दिन कर दिया गया है, यानी 25% ज्यादा कमाई की संभावना। मनरेगा के काम कई कैटेगरी में बिखरे हुए थे, अब नया कानून साफसाफ कुछ फोकस्ड कामों पर पैसा लगाएगा, ताकि एसेट टिकाऊ हों और गांव की अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा मिले।

गांवों में प्लानिंग कैसे होगी?

अब हर गांव के लिए विकसित ग्राम पंचायत प्लान बनाया जाएगा, जिसे ग्राम पंचायत खुद तैयार करेगी। यह प्लान राष्ट्रीय स्तर की स्पेशल प्लानिंग सिस्टम जैसे PM गति शक्ति से भी जोड़ा जाएगा, ताकि गांव का विकास नेशनल प्लानिंग के साथ मैच हो सके।

किसानों को क्या फायदा होगा?

  • किसानों को खेती के पीक सीजन (बुवाईकटाई के समय) में मजदूरों की कमी न हो, इसलिए राज्य 60 दिन तक ऐसे पीरियड तय कर सकते हैं, जब इस योजना के तहत पब्लिक वर्क बंद रहेगा।​
  • इससे मजदूर खेती में लगेंगे और खेती की मजदूरी कृत्रिम रूप से बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगी।​
  • पानी, सिंचाई, स्टोरेज, सड़क और मार्केट जैसे कामों से किसान की फसल, सिंचाई और मंडी तक पहुंच बेहतर होगी, नुकसान कम होगा और आमदनी बढ़ेगी।

मजदूरों को क्या फायदा होगा?

  • पहले रोजगार की 100 दिन की गारंटी थी, अब 125 दिन की गारंटी होगी, यानी ज्यादा दिनों तक पक्का काम और आमदनी।​
  • काम की प्लानिंग पहले से होगी, क्योंकि गांव-स्तर पर प्लान तैयार होंगे, इससे मजदूरों को पता रहेगा कि कब-कहां काम है।​
  • पेमेंट पूरी तरह डिजिटल, आधार और बायोमेट्रिक से वेरिफाइड होगी, जिससे फर्जीवाड़ा और मजदूरी काटने जैसी दिक्कतें कम होंगी।​
  • अगर समय पर काम न मिले, तो राज्य सरकार को बेरोजगारी भत्ता देना ही पड़ेगा, यह कानूनी जिम्मेदारी होगी।​

मनरेगा क्यों बदली जा रही है?

सरकार का कहना है कि मनरेगा 2005 के समय की जरूरतों के हिसाब से बनी थी, लेकिन अब ग्रामीण भारत काफी बदल चुका है। गरीबी काफी कम हुई, गांवों में सड़क, बैंक, मोबाइल, डिजिटल सिस्टम और दूसरी योजनाओं के कारण सुरक्षा जाल मजबूत हुआ, इसलिए पुरानी खुली-छोड़ी हुई व्यवस्था अब उतनी कारगर नहीं मानी जा रही।

मनरेगा में क्या-क्या दिक्कतें थीं?

रिपोर्टों में कई जगह बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, फर्जी काम, कागज पर बने प्रोजेक्ट, मशीन से काम कराकर मजदूरी दिखाना और डिजिटल हाजिरी (NMMS) को चकमा देने जैसी समस्याएं सामने आईं। कई जगह जांच में पाया गया कि खर्च तो बहुत दिखा, लेकिन जमीन पर काम या एसेट वैसे नहीं मिले, जितना पैसा दिखाया गया था, और 2024–25 में करीब 193 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की रिपोर्ट भी आई।

इन सबको देखते हुए सरकार का दावा है कि अब सिर्फ छोटे-मोटे सुधार से काम नहीं चलेगा, बल्कि पूरा ढांचा बदलकर एक नया, ज्यादा डिजिटल, ज्यादा जवाबदेह और इंफ्रास्ट्रक्चर-फोकस्ड कानून लाना जरूरी था।​

पैसे का सिस्टम कैसे बदलेगा?

अब फंडिंग को डिमांड बेस से तय मानक मॉडल पर लाया जा रहा है, यानी बजट तय पैरामीटर के हिसाब से पहले से प्लान होगा, लेकिन 125 दिन की गारंटी कानूनी रूप से बनी रहेगी। केंद्र और राज्य मिलकर पैसा लगाएंगे।

आम तौर पर 60:40 के रेशियो में, यानी 60% पैसा केंद्र सरकार देगी और 40% पैसा राज्य सरकार से आएगा, जबकि नॉर्थईस्ट और पहाड़ी राज्यों के लिए ये रेशियो 90:10 और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्र फंडिंग होगी।

पारदर्शिता और निगरानी कैसे होगी?

  • AI से फ्रॉड पकड़ने की कोशिश
  • केंद्र और राज्य स्तर पर स्टीयरिंग कमेटी
  • GPS, मोबाइलआधारित मॉनिटरिंग, रियलटाइम डैशबोर्ड
  • हर ग्राम पंचायत में साल में दो बार सोशल ऑडिट
  • हर हफ्ते पब्लिक डिस्क्लोजर

इन कदमों से दावा किया जा रहा है कि पैसा सही काम पर लगेगा और गड़बड़ी पकड़ में आएगी।

लोकसभा से पास हुआ VB – G RAM G बिल 2025, विपक्ष ने विरोध में फाड़कर उड़ाई बिल की कॉपी

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।