Humayun Kabir : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। अब आरोप-प्रत्यारोप के बीच धर्म का मुद्दा भी चुनावी बहस का केंद्र बनता जा रहा है। जहां कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में रविवार (7 दिसंबर) को BJP समर्थकों ने बड़ी संख्या में गीता पाठ किया, वहीं इसके जवाब में TMC से निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में कुरान पाठ कराने का ऐलान किया है।
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले राजनीति गर्म
हुमायूं का दावा है कि अगर BJP गीता पाठ कर वोट जुटाने की कोशिश कर रही है, तो वह उसी तरह मुस्लिम समाज को एकजुट करने के लिए कुरान पाठ आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं मुर्शिदाबाद में 1 लाख हाफिज के साथ कुरान पाठ कराऊंगा। जैसे वे गीता का पाठ कर रहे हैं, उसी तरह मुसलमानों को भी अपनी पहचान के साथ खड़ा होना होगा।" BJP द्वारा गीता पाठ कराए जाने पर उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा कुछ नया नहीं कर रही है, वे हमेशा हिंदुत्व कार्ड खेलते है और इसी के वजह से सत्ता में आए है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "वे 19 राज्यों पर कब्जा कर लिए है और अब बंगाल पर कब्जा करना चाहते है, इसलिए वे गीता पाठ करवा रहे है।"
'गीता पाठ' के जवाब में 'कुरान पाठ'
यह बयान उस समय आया है जब हुमायूं पहले ही बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा के कारण विवाद में हैं। इसके चलते TMC ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।हुमायूं कबीर ने TMC और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी सीधा निशाना साधा और कहा, "बंगाल में 37 प्रतिशत मुसलमान हैं और ममता इन्हीं के वोट से मुख्यमंत्री बनी हैं। लेकिन अब वह घमंडी हो गई हैं, मैं उन्हें भूतपूर्व नेता बना दूंगा।"
बता दे कि बीते दिन शनिवार को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की नींव का पत्थर रखा। यह कार्यक्रम दोपहर करीब 12 बजे कुरान पढ़ने के बाद शुरू हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और कई लोग दूर-दराज के जिलों से यहां आए थे। बताया जा रहा है कि इस समारोह में हजारों लोगों की भीड़ जुटी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंगाल में धर्म आधारित राजनीति पहले भी होती रही है, लेकिन इस बार यह चुनाव प्रचार का मुख्य हथियार बनता दिख रहा है।BJP जहां राम मंदिर, हिंदुत्व और गीता पाठ जैसे धार्मिक प्रतीकों के जरिए हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्षी दलों में भी अब धार्मिक पहचान के आधार पर रणनीति सामने आने लगी है।
हुमायूं कबीर का कुरान पाठ का ऐलान इस बात का इशारा करती है कि आने वाले समय में चुनाव प्रचार विकास, बेरोज़गारी और नीतियों से हटकर धार्मिक भावनाओं के इर्द-गिर्द घूम सकता है।
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