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Income Tax Raids: इनकम टैक्स विभाग का बड़ा एक्शन, 200 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी; फर्जी रिफंड से जुड़ा है मामला

Income Tax Raids: इनकम टैक्स विभाग ने फर्जी टैक्स डिडक्शन और रिफंड घोटाले को लेकर 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। यह मामला हजारों टैक्सपेयर्स को फर्जी रिफंड दिलाने से जुड़ा है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Jul 14, 2025 पर 7:36 PM
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तमिलनाडु के 18 जिलों में इनकम टैक्स की टीमों ने एक साथ छापेमारी की है।

Income Tax Raids: इनकम टैक्स विभाग ने देशभर में 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ये कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ हो रही है, जो कथित तौर पर टैक्सपेयर्स को फर्जी टैक्स डिडक्शन दिलाने में मदद कर रहे थे।

एक सूत्र ने बताया, "ये लोग राजनीतिक चंदा, ट्यूशन फीस और मेडिकल खर्च जैसे अलग-अलद मदों में झूठे डिडक्शन दिखाते थे। फिर उस हिसाब से टैक्सपेयर्स की टैक्स देनदारी कम करवाते थे।" सूत्र के मुताबिक, फर्जी रिफंड का आंकड़ा सैकड़ों करोड़ रुपये तक हो सकता है।

नकली डोनेशन और झूठे दावे


जांच अधिकारियों का कहना है कि कई बिचौलिए अनरजिस्टर्ड या संदिग्ध संस्थाओं के जरिए फर्जी डोनेशन का इंतजाम कर रहे थे। इससे टैक्सपेयर्स की इनकम टैक्स देनदारी कम हो जाती थी। एक इनकम टैक्स अफसर ने Moneycontrol को बताया, "हाल ही में देखा गया है कि केंद्र सरकार की नेट टैक्स कलेक्शन ग्रोथ उम्मीद से काफी कम है। इसका एक बड़ा कारण फर्जी रिफंड भी है।"

सरकार द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार, FY26 में 10 जुलाई तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 1.3% कम रहा। इसकी बड़ी वजह रिफंड में आई तेज बढ़ोतरी है। 1 अप्रैल से 10 जुलाई 2025 के बीच ₹1.01 लाख करोड़ के रिफंड जारी किए गए। यह पिछले साल की तुलना में 38% ज्यादा हैं।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा छापे

तमिलनाडु के 18 जिलों में इनकम टैक्स की टीमों ने एक साथ छापेमारी की है। इनमें त्रिची, कोयंबटूर, सलेम, मदुरै, चेन्नई, वेल्लोर और तिरुवण्णामलाई शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि इन बिचौलियों ने हजारों टैक्सपेयर्स को गुमराह करके गलत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करवाया। इनमें कई ने सेक्शन 80GGC (राजनीतिक चंदा), 80D (मेडिकल रीइम्बर्समेंट), 80C (ट्यूशन फीस), और 10(13A) (HRA) जैसे सेक्शन में फर्जी डिडक्शन क्लेम किए।

सरकारी कर्मचारियों भी टारगेट

जांच में यह भी सामने आया है कि ये एजेंट्स WhatsApp और Telegram पर क्लोज्ड ग्रुप्स और वर्ड ऑफ माउथ के जरिए कई राज्यों में फैले थे। इनमें दिल्ली, झारखंड, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, असम और बिहार तक शामिल हैं। इन्होंने बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स संपर्क किया। ये लोग सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड फौजी अफसरों तक को टारगेट कर रहे थे।

फर्जी रिटर्न के लिए ईमेल अकाउंट

तमिलनाडु में जिन एजेंट्स के ठिकानों पर छापा पड़ा, वहां यह भी पाया गया कि उन्होंने खास ईमेल IDs बनाकर उन्हीं के जरिए हजारों फर्जी रिटर्न फाइल किए हैं और इन पर रिफंड क्लेम किया गया है।

एक सूत्र ने बताया, “छापों के दौरान भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। सभी जगहों पर जांच अभी जारी है।”

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