Election Commission: निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) की समय सीमा बढ़ाने की संभावना पर विचार कर रहा है। NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर अंतिम निर्णय आज (गुरुवार, 11 दिसंबर) लिया जा सकता है, जब आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मतदाता सूची फॉर्म के डिजिटलीकरण और जमा करने की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए बैठक करेंगे।
आयोग के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल उन राज्यों में से है जहां समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। केरल को पहले ही आयोग द्वारा मोहलत दी जा चुकी है, राज्य के अनुरोध पर वहां अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दी गई है।
विपक्षी दलों की कड़ी आपत्तियां
समय सीमा में और विस्तार की संभावना विपक्षी दलों की कड़ी आपत्तियों के बीच आई है। कांग्रेस, टीएमसी, सीपीआई(एम) और सपा सहित कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि आयोग ने 'अव्यावहारिक' समय सीमा लागू की है, जिससे बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) के साथ-साथ मतदाताओं पर भी अत्यधिक बोझ पड़ रहा है। वरिष्ठ टीएमसी नेता जॉयप्रकाश मजूमदार ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में पुनरीक्षण अभियान के कारण तनाव से BLOs सहित लगभग 40 लोगों की मौत हो गई है, उन्होंने इस अभ्यास को जल्दबाजी भरा और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि SIR मतदाताओं और BLOs के लिए एक बड़ी परेशानी बन गया है। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर लगभग 16 करोड़ मतदाताओं का वेरीफिकेशन करना असंभव है।
उत्तर प्रदेश ने भी मांगा एक्स्ट्रा समय
उत्तर प्रदेश ने भी निर्वाचन आयोग से समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवदीप रिनवा ने कहा कि राज्य ने SIR के काम को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। PTI के हवाले से एक प्रेस बयान में रिनवा ने कहा कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया है ताकि जिला निर्वाचन अधिकारी मृत मतदाताओं, अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हुए मतदाताओं और जिन मतदाताओं का पता नहीं चल पाया है, उनकी प्रविष्टियों का पुनः सत्यापन कर सकें।