यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं, किसानों, युवाओं के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने राज्य में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने और रोजगार के मौके बढ़ाने वाले कई उपायों के भी ऐलान किए हैं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सीनियर सिटीजंस SCSS और PMVVY का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें 31 मार्च तक PMVVY में निवेश करना होगा। उसके बाद यह स्कीम बंद हो जाएगी। 1 अप्रैल से SCSS में अतिरिक्त 15 लाख रुपये के निवेश का विकल्प खुल जाएगा
Budget 2023: ट्रैवल से जुड़ी गतिविधियां पिछले एक साल में बढ़ने से टूरिज्म इंडस्ट्री ने थोड़ी राहत की सांस ली है। हालांकि अभी भी यह सेक्टर कोरोना महामारी के पहले वाले स्तर पर नहीं पहुंच सका है और इसके लिए आगामी यूनियन बजट 2023-24 से बड़ी आस लगाए हुए बैठा है
भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए सरकार कौन से कदम उठाए, जानिए मनीकंट्रोल एडिटर्स की राय
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर
Nirmala SitharamanFinance Minister
नीलेश शाहKotak AMC के MD & CEO
Rajesh Gopinathटीसीएस के चीफ एग्जीक्यूटिव
Union Budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह युवाओं का दिमाग है, जो भारत को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहता है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनने के लिए देश में भ्रष्टाचारमुक्त नेतृत्व जरूरी है। इससे 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था.
मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज है। मोरारजी देसाई 1962 से लेकर 1969 तक वित्त मंत्री के पद पर थे। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया.
1991 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन पहली बार कांग्रेस की सरकार का प्रधानमंत्री नेहरू-गांधी परिवार से नहीं था। नरसिम्हा राव पीएम बने और उन्होंने मनमोहन सिंह को अपना वित्त मंत्री बनाया.
आर्थिक संकट के उस दौर में 1991 में मनमोहन सिंह ने जो बजट पेश किया। वो आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ.
मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों की शुरूआत की। लाइसेंसी राज को खत्म किया और उदारीकरण की शुरुआत की.
नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट पेश करने की तारीख में बड़ा बदलाव किया गया था.
2017 में तब के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी के बजाय 1 फरवरी को बजट पेश किया था.
इसके बाद से हर साल 1 फरवरी को ही बजट पेश किया जाता है.
अरुण जेटली ने ही रेल बजट खत्म करके आम बजट में ही शामिल कर दिया.