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Union Budget 2024 : बीते 10 साल में बजट के दिन सेंसेक्स किस साल चढ़ा और किस साल गिरा?

बजट 2025 न्यूज

पिच रिपोर्ट

Budget 2024: क्या स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर होगा 90,000 रुपये! सरकार सैलरी क्लास के लिए करेगी बड़ा ऐलान

Budget 2024: क्या स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़कर होगा 90,000 रुपये! सरकार सैलरी क्लास के लिए करेगी बड़ा ऐलान

Budget 2024: स्टैंडर्ड डिडक्शन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली टैक्स डिडक्शन है। सैलरी क्लास टैक्सपेयर्स इसके बारे में जानते हैं क्योंकि इसमें पैसा सीधे बच जाता है। पैसा बचाने के लिए निवेश नहीं करना पड़ता। सैलरी क्लास काफी समय में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) को बढ़ाए जानें की उम्मीद कर रहा है

बजट 2025: क्या महंगा हुआ और क्या सस्ता

  • फ्लैट पैनल डिस्प्ले

    फ्लैट पैनल डिस्पले पर कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया है

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बाज़ार समाचार

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CompanyPriceChange%Gain
Bharat Elec383.0019.205.28
Cipla1,482.4028.001.93
Tata Steel161.642.951.86
HDFC Life759.7012.651.69
Bajaj Finserv2,037.3032.201.61
CompanyPriceChange%Gain
IndusInd Bank769.95-12.30-1.57
JSW Steel1,000.90-11.80-1.17
Kotak Mahindra2,071.30-18.80-0.90
Coal India405.35-2.75-0.67
Power Grid Corp296.15-1.75-0.59
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वित्त मंत्री बनकर बजट बनाइए
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बजट सिमुलेटर

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अर्थव्यवस्था में कितना जोश

बजट का सफरनामा

बजट 2025 FAQs

Frequently Asked Questions

बजट भाषण को दो हिस्सों में बांटा गया है। ये हिस्से हैं A और B। बजट के पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की स्थिति, नीतियों की जानकारी, खर्च और राजकोषीय घाटे के बारे में बताया जाता है। जबकि B पार्ट में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स शामिल होते हैं। अंतरिम बजट में सामान्य तौर पर इनकम टैक्समें कोई खास बदलाव नहीं होता है। सालों से वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पर अर्थव्यवस्था के सुधारों और नीतियों पर सरकार की रिपोर्ट कार्ड पेश करती है।
BUDGET 2024: मोदी सरकार के FULL BUDGET से क्या-क्या है डिमांड?

1. इस बार Full Budget में बढ़ सकता है Standard Deduction


सरकार इस साल सैलरी क्लास को थोड़ी राहत देते हुए Standard Deduction की लिमिट बढ़ा सकती है। अभी तक 50,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। 2024 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स के नए रिजीम में भी स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल कर दिया था। ऐसा नए टैक्स सिस्टम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए किया गया था।


2. इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को मिल सकती है बड़ी राहत


लंबे समय से मिडिल क्लास इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ने की उम्मीद कर रहा है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में ये उम्मीदें पूरी हो सकती हैं। इंडस्ट्रियल चैंबर CII के प्रेसिडेंट संजीव पुरी का मानना है कि 20 लाख रुपए तक की इनकम पर इस साल टैक्स छूट मिलनी चाहिए।


3. किसान सम्मान निधि की रकम 6000 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए करने की मांग


नरेंद्र मोदी सरकार से इस बार उम्मीद की जा रही है कि वह किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाकर 8000 रुपए करें। अंतरिम बजट में भी ये उम्मीद थी लेकिन तब ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ था। 2019 में पहली बार पीएम किसान सम्मान निधिा का ऐलान किया गया था। उसके बाद अब तक इसकी रकम नहीं बढ़ाई गई है। फिलहाल किसानों को हर साल 6000 रुपए मिलते हैं। सरकार 2000-2000 रुपए की तीन किश्त में यह पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर करती है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार अब इसे बढ़ाकर 8,000 रुपए कर सकती है।


4. इनकम टैकस छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की उम्मीद


इस साल के Full Budget से छोटे टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें हैं। मनीकंट्रोल को कुछ सीनियर अधिकारियों से जानकारी मिली है कि सरकार इस बार मिडिल क्लास के लिए टैक्स छूट बढ़ा सकती है। माना जा रहा है कि इनकम टैक्स के नए रिजीम में 3 लाख रुपए तक की छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। सरकार ने सबसे पहले 2022 में इनकम टैक्स के नए रिजीम का ऐलान किया था। और उसके बाद से लगातार ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स नए टैक्स रिजीम को ही चुनें।


5.कैपिटल गेन टैक्स के मौजूदा नियमों में बदलाव की डिमांड


फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry) की मांग है कि सरकार को कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में भी बदलाव करना चाहिए। फिलहाल अलग-अलग एसेट्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स भी अलग है। इसके साथ ही टैक्स लगाने के लिए एसेट के होल्डिंग पीरियड में भी फर्क है। फिक्की की डिमांड है कि सरकार को एसेट्स तीन कैटेगरी में बांटना चाहिए। ये कैटेगरी इक्विटी, डेट और अन्य होना चाहिए। इसके बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के रेट तय होने चाहिए।


6. Super Rich लोगों को ज्यादा टैक्स लगाने की मांग


ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC) ने सुपर रिच यानि रईसों पर 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। यूनियन का कहना है कि इस पैसे का इस्तेमाल सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स शुरू करने के लिए किया जा सकता है। TUCC की डिमांड है कि प्रवासी मजदूरों के लिए एक अलग वेलफेयर बोर्ड बनाया जाए। साथ ही वन राशन वन नेशन स्कीम के तहत कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों का भी राशन कार्ड बनाने की मांग की गई है।

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