महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 17 अक्टूबर को मुंबई और पुणे के बीच भारत का पहला इलेक्ट्रिक हाइवे लॉन्च किया। यह कदम राज्य में साफ-सुथरी ऊर्जा और टिकाऊ परिवहन की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आया है। पारंपरिक डीजल और पेट्रोल वाहनों की जगह अब इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे प्रदूषण कम होगा और शहरों की हवा और साफ-सुथरी रहेगी। इसके साथ ही यह हाइवे सामान ढुलाई के तरीकों को भी अधिक तेज, सुरक्षित और किफायती बनाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसे महाराष्ट्र की हरी औद्योगिक ताकत का प्रतीक बताया और कहा कि यह पहल भारत को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के लिए बेहतर बनाने की दिशा में अहम साबित होगी।
पर्यावरण और हरी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा कदम
ये प्रोजेक्ट महाराष्ट्र सरकार की 2028 तक सभी बड़े हाइवे इलेक्ट्रिक बनाने की योजना का हिस्सा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस हाइवे से ना केवल सामान ले जाने का तरीका बदल जाएगा, बल्कि हवा भी साफ रहेगी और हरी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। ये राज्य और देश के लिए साफ ऊर्जा और स्वच्छ परिवहन की दिशा में बड़ा बदलाव है।
ब्लू एनर्जी का हाई-टेक ट्रक
इस मौके पर फडणवीस ने ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा बनाई गई पहली इलेक्ट्रिक हेवी-ड्यूटी ट्रक का प्रदर्शन किया। ये ट्रक बैटरी-स्वैप तकनीक से लैस है, जिससे इसे जल्दी चार्ज किया जा सकता है और लंबी दूरी के लिए तैयार किया गया है। फडणवीस ने इसे महाराष्ट्र की हरी औद्योगिक ताकत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि ये नई तकनीक भारत को आत्मनिर्भर बनाने और पर्यावरण के लिए बेहतर भविष्य तैयार करने में मदद करेगी।
पूरे राज्य में इलेक्ट्रिक हाइवे का विस्तार
महाराष्ट्र सरकार अब पूरे राज्य में ऐसे और इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना बना रही है। इसके लिए जरूरी जगहों पर बैटरी-स्वैप और चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे ताकि सामान ढोना आसान और टिकाऊ हो। ब्लू एनर्जी ने सरकार के साथ 3500 करोड़ रुपये के निवेश से नया कारखाना बनाने का समझौता किया है, जो हर साल 30,000 ट्रक का उत्पादन कर सकेगा।
भारत का टिकाऊ लॉजिस्टिक्स केंद्र
ये हाइवे पुणे को भारत के टिकाऊ लॉजिस्टिक्स का केंद्र बनाता है। साफ-सुथरे ट्रांसपोर्ट से प्रदूषण कम होगा, नई हरी तकनीक आएगी और ऊर्जा की मजबूती बढ़ेगी। ब्लू एनर्जी का चाकन कारखाना पहले से सालाना 10,000 ट्रक बनाता है और भारत के हरे ट्रक मार्केट में इसका हिस्सा लगभग 60 प्रतिशत है।