IndiGo Crisis: पांच दिन के संकट के बाद घर पहुंचने लगे यात्री, लेकिन नहीं पहुंचा उनका सामान!

IndiaGo Flight Cancellation: सचिन अपने एक साल के बच्चे और पत्नी के साथ बेंगलुरु जा रहे थे, उन्होंने मंगलवार को अपनी डिले फ्लाइट को रिशेड्यूल करवा लिया, बिना यह जाने कि आगे क्या होने वाला है। उनका सामान पहले ही चेक-इन हो चुका था, और कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि यह बुधवार तक उनके स्थानीय पते पर पहुंच जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ

अपडेटेड Dec 06, 2025 पर 10:20 PM
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IndiGo Crisis: पांच दिनों बाद घर पहुंचने लगे यात्री, लेकिन नहीं पहुंचा उनका सामान!

इंडिगो संकट के पांचवें दिन मुंबई में यात्रियों ने सही जानकारी नहीं मिलने और अपना सामान खो जाने की शिकायत की। कई यात्री तो वहां तक पहुंच गए, जहां उन्हें जाना था, लेकिन उनका सामान नहीं पहुंच पाया, जिसमें उनके कपड़े, जरूरी दस्तावेज और दवाइयां थीं। अब ये पूरा मामला और भी पेचीदा और निराशाजनक हो गया।

NDTV के मुताबिक, सचिन अपने एक साल के बच्चे और पत्नी के साथ बेंगलुरु जा रहे थे, उन्होंने मंगलवार को अपनी डिले फ्लाइट को रिशेड्यूल करवा लिया, बिना यह जाने कि आगे क्या होने वाला है। उनका सामान पहले ही चेक-इन हो चुका था, और कर्मचारियों ने उन्हें बताया था कि यह बुधवार तक उनके स्थानीय पते पर पहुंच जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, "जब मैंने फोन किया, तो उन्होंने मुझे 48 घंटे और इंतजार करने को कहा।" फिर वे टर्मिनल 2 पर गए, कतार में तीन घंटे इंतजार किया और खाली हाथ लौटना पड़ा। यहां तक कि अपनी रिशेड्यूल फ्लाइट के दिन भी, एयरलाइन ने उन्हें बताया कि उनका सामान नहीं मिल रहा है।


उन्होंने कहा, "चार दिनों से हम कपड़े खरीद रहे हैं। मेरे बच्चे की दवाइयां और कागजात उस बैग में हैं। इंडिगो के कर्मचारी सिर्फ टिकट कैंसिल करते हैं और पैसे वापस करते हैं। इसके अलावा उनके पास कोई जानकारी नहीं है।"

24 घंटे की देरी, फिर सामान छूट गया

बहरीन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने वाले गौरव पाटिल के लिए, उनका सामान खो जाने से उनकी यात्रा अधर में लटक गई है, क्योंकि उनकी छुट्टियां शनिवार को खत्म हो रही थीं। उनकी तिरुवनंतपुरम से मुंबई जाने वाली फ्लाइट कैंसिल हो गई, जिसके बाद उन्हें बेंगलुरु होते हुए भेजा गया। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर, यात्रियों को देरी की सूचना दी गई, जो आखिरकार 24 घंटे तक बढ़ गई।

उन्होंने कहा, "लोगों को शादियों में शामिल होना था, बुजुर्ग लोग परेशान थे और उनके पास कई सवाल थे। कोई समाधान नहीं था।"

आखिरकार ग्रुप एक दिन देरी से मुंबई पहुंचा, तो पता चला कि उनका सामान बेंगलुरु में ही छूट गया है। गौरव को शनिवार को फिर से इंडिगो की फ्लाइट से बहरीन वापस जाना है।

उन्होंने पूछा "मेरी छुट्टी आज खत्म हो रही है। अगर मैं कल काम पर नहीं गया, तो मुझे सजा होगी। इसका खर्च कौन उठाएगा?"

भ्रामक संदेश और हवाई किराए का अचानक झटका

अपनी पत्नी और चार महीने के बच्चे के साथ यात्रा कर रहे अक्षत के लिए, 4 दिसंबर को फ्रैंकफर्ट से मुंबई पहुंचने के बाद एक कैंसिलेशन मैसेज के साथ परेशानी शुरू हुई। एयरलाइन ने कथित तौर पर यह नहीं बताया कि कौन सी उड़ान रद्द हुई है, जबकि उनकी दो आगामी यात्राएं थीं।

जब वह 5 दिसंबर को अपनी मुंबई-मंगलुरु उड़ान के लिए एयरपोर्ट पहुंचे, तो चेक-इन काउंटर खुले थे, जिससे उनकी उलझन और बढ़ गई। बाद में उन्हें पता चला कि उड़ान रद्द हो गई है।

उन्होंने कहा, "मैं शुक्रगुजार हूं कि मैंने अपना सामान चेक-इन नहीं कराया," और उन्होंने याद किया कि कैसे दूसरे यात्रियों को अपना सामान ढूंढ़ने में मुश्किल हुई।

लेकिन सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उन्हें दोबारा बुकिंग करानी पड़ी। उनके इंडिगो के पहले टिकट की कीमत 25,000 रुपए थी। एकमात्र उपलब्ध विकल्प की कीमत 70,000 रुपए थी। उन्होंने कहा कि किराए में अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किल स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया।

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