Vice President Jagdeep Dhankar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार (21 जुलाई) शाम अचानक पद से इस्तीफा देने से उनके उत्तराधिकारी की दौड़ शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को निर्वाचक मंडल में बहुमत प्राप्त है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। आगामी दिनों में संभावित नामों पर विचार किए जाने की संभावना है। बीजेपी के पास इस पद पर चुनने के लिए नेताओं का एक बड़ा समूह है। राज्यपालों में से या संगठन के अनुभवी नेताओं अथवा केंद्रीय मंत्रियों में से किसी का चुनाव किया जा सकता है।
धनखड़ भी उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। धनखड़ के पूर्ववर्ती एम वेंकैया नायडू थे। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में थे। पार्टी ने 2017 में उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना था। नायडू बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। बीजेपी के एक नेता ने पीटीआई से कहा, "हम अभी इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को चुनेगी, जो ठोस विकल्प हो और जिस पर कोई विवाद न हो।" उन्होंने कहा कि पार्टी का कोई अनुभवी व्यक्ति पसंदीदा विकल्प हो सकता है।
धनखड़ के तीन साल के कार्यकाल में राज्यसभा में विपक्षी दलों के साथ उनकी लगातार तकरार हुई। लेकिन अक्सर विवादास्पद मुद्दों पर उनकी तीखी टिप्पणियों ने सरकार को भी कई बार असहज किया। धनखड़ ने सोमवार शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। 74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था।
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। वह 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं। उन्हें सरकार का विश्वास प्राप्त है। राज्यसभा में उपसभापति के पद पर वर्तमान में हरिवंश नारायण सिंह तैनात हैं। धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके अंतरिम उपराष्ट्रपति बनने के संभावना जताई जा रही है। सिंह JDU के नेता हैं, जो केंद्र में मोदी सरकार की मुख्य सहयोगी है। वे पत्रकारिता से राजनीति में आए हैं। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। हरिवंश नारायण सिंह वर्तमान में राज्यसभा के सभापति के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
जल्द से जल्द कराना होगा चुनाव
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए चुनाव जल्द से जल्द कराना होगा। संविधान के आर्टिकल 68 के खंड दो के अनुसार, उपराष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या उन्हें पद से हटाए जाने या अन्य किसी कारण से होने वाली खाली पदों को भरने के लिए चुनाव यथाशीघ्र आयोजित किया जाएगा। संविधान में इस पर कुछ नहीं कहा गया है कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु या उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले त्यागपत्र देने की स्थिति में या जब उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं, तो उनके कर्तव्यों का निर्वहन कौन करेगा।
उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। उनका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, वह तब तक पद पर बने रह सकते हैं, जब तक कि उनका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले। उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को त्यागपत्र सौंपकर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफा त्यागपत्र स्वीकार होने के दिन से प्रभावी हो जाता है।
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति (उपराष्ट्रपति होने के नाते राज्यसभा के सभापति का पद धारण करते हैं) होते हैं। कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करते हैं। किसी भी अवधि के दौरान जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं या उसके कार्यों का निर्वहन करते हैं, तो वह राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं। राज्यसभा के सभापति को देय किसी भी सैलरी या भत्ते के हकदार नहीं होते हैं।
उपराष्ट्रपति के रूप में कौन निर्वाचित हो सकता है?
कोई व्यक्ति उपराष्ट्रपति के रूप में तब तक निर्वाचित नहीं हो सकता जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो। 35 वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो, तथा राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए योग्य न हो। वह व्यक्ति भी पात्र नहीं है, जो भारत सरकार या राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता हो।