Jaipur Suicide Case: जयपुर स्टूडेंट सुसाइड केस में नीरजा मोदी स्कूल को नोटिस जारी, CBSE जांच में मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप

Jaipur Schoolgirl Suicide Case: CBSE की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित स्टूडेंट को क्लासमेट्स लगातार बुली करते थे। इसमें गाली-गलौज और सेक्सुअल बातें भी शामिल थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना वाले दिन बच्ची काफी परेशान थी। उसने मदद के लिए दो बार अपनी क्लास टीचर से बात की थी

अपडेटेड Nov 21, 2025 पर 1:35 PM
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Jaipur Schoolgirl Suicide Case: जांच में आई चूक को बोर्ड ने मेंटल-वेल-बीइंग गाइडलाइंस का गंभीर उल्लंघन बताया है

Jaipur Schoolgirl Suicide Case: अमायरा सुसाइड केस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल को नोटिस जारी किया है। क्लास 6 की स्टूडेंट अमायरा की मौत की शुरुआती जांच में सेफ्टी प्रोटोकॉल, बुलीइंग रोकने और मदद के लिए बार-बार गुहार लगाने पर स्कूल के रिस्पॉन्स में गंभीर कमियां सामने आई हैं। एक नवंबर को स्कूल बिल्डिंग की चौथी मंजिल से कूदने के बाद बच्ची की मौत हो गई थी। इस घटना की कई जांचें हुई हैं। फिलहाल, कैंपस सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को लेकर काफी चिंताएं हैं।

CBSE की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित स्टूडेंट को क्लासमेट्स लगातार बुली करते थे। इसमें गाली-गलौज और सेक्सुअल बातें भी शामिल थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना वाले दिन बच्ची काफी परेशान थी। उसने मदद के लिए दो बार अपनी क्लास टीचर से बात की थी। लेकिन, जांच में पाया गया कि उसे किसी भी समय स्कूल काउंसलर के पास नहीं भेजा गया था। इस चूक को बोर्ड ने अपनी सुरक्षा और मेंटल-वेल-बीइंग गाइडलाइंस का गंभीर उल्लंघन बताया है।

CBSE अधिकारियों ने कहा कि स्कूल बच्चों की सुरक्षा के बेसिक उपाय करने में नाकाम रहा। इसमें शिकायतों को डॉक्यूमेंट करना, ट्रेंड काउंसलर को शामिल करना और सीनियर स्टाफ को अलर्ट करना शामिल था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गलतियों से स्कूल के अंदरूनी सुरक्षा के खराब सिस्टम उजागर हो गए। बुलिंग रोकने और स्टूडेंट मेंटल हेल्थ सपोर्ट पर बोर्ड के जरूरी नियमों का उल्लंघन हुआ।


जांच के नतीजे घटना के बाद स्कूल के बर्ताव के बारे में पेरेंट्स की संस्थाओं और अधिकारियों के आरोपों के बैकग्राउंड में आए हैं। पुलिस ने कहा कि मामला पहली नजर में सुसाइड का लग रहा है। घटनाओं के सिलसिले को जोड़ने के लिए CCTV फुटेज की जांच की जा रही है। बच्ची अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। बिल्डिंग से कूदने के बाद उसको पास के हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

घटना के तुरंत बाद, राजस्थान स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने ऑन-ग्राउंड असेसमेंट के लिए कैंपस में छह लोगों की एक टीम भेजी। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एंट्री नहीं दी गई। उनका आरोप है कि मेन गेट अंदर से बंद था। इस दौरान 90 मिनट से ज्यादा समय तक इंतजार करने के बावजूद न तो प्रिंसिपल और न ही स्कूल का कोई रिप्रेजेंटेटिव उनसे मिला।

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डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि इस तरह सहयोग न करने पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है। स्कूल की मान्यता भी रद्द हो सकता है। जॉइंट पेरेंट्स एसोसिएशन ने यह भी दावा किया है कि बच्चा उस दिन पहले एक टीचर के बर्ताव की वजह से परेशान था। फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मौके से सैंपल इकट्ठा किए हैं। साथी ही बच्चे के माता-पिता की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम जांच की गई। CBSE ने स्कूल से इन नतीजों के बारे में जवाब मांगा है। बोर्ड ने संकेत दिया है कि उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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