Credit Cards

CJI Justice BR Gavai: भारत के 52वें CJI बने जस्टिस बीआर गवई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

Justice BR Gavai Oath: जस्टिस बीआर गवई ने जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली। न्यायमूर्ति गवई विवादास्पद और महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों में अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं

अपडेटेड May 14, 2025 पर 10:59 AM
Story continues below Advertisement
भारत के 52वें CJI बने जस्टिस बीआर गवई

Justice BR Gavai became the 52nd CJI of India: जस्टिस बीआर गवई ने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले ली है। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। यह क्षण न केवल भारतीय न्यायपालिका के लिए, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि जस्टिस गवई इस पद को संभालने वाले पहले बौद्ध और जस्टिस केजी बालकृष्णन के बाद अनुसूचित जाति समुदाय से दूसरे व्यक्ति हैं। जस्टिस बीआर गवई ने जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली जिनका कार्यकाल पूरा हुआ। CJI के तौर पर जस्टिस गवई का कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा होगा, क्योंकि उन्हें 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होना है।

CJI जस्टिस गवई का शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया।

जस्टिस बीआर गवई कौन हैं?

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 16 मार्च, 1985 को एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था। अपने शुरुआती दौर में उन्होंने पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिवंगत राजा एस भोंसले के साथ काम किया। उन्होंने साल 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की।

न्यायमूर्ति गवई को अगस्त 1992 में बॉम्बे उच्च न्यायालय, नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। जनवरी 2000 में वे सरकारी वकील और लोक अभियोजक बन गए। नवंबर 2003 में उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 12 नवंबर 2005 को वे स्थायी न्यायाधीश बन गए। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में पीठों की अध्यक्षता की और सभी क्षेत्रों के मामलों को संभाला।

उन्हें 2019 में सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया और 2025 में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने उन्हें अगले CJI के रूप में नामित किया।


कई प्रमुख मामलों के जजमेंट में शामिल रहे न्यायमूर्ति गवई

न्यायमूर्ति गवई विवादास्पद और महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों में अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। वे उस संवैधानिक बेंच का हिस्सा थे जिसने 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। वे न्यूजक्लिक के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े मामलों सहित महत्वपूर्ण मामलों की बेंच का भी हिस्सा थे। नवंबर 2024 में उनके नेतृत्व वाली एक पीठ ने माना कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नागरिकों की संपत्तियों को ध्वस्त करना(बुलडोजर एक्शन) कानून के शासन के खिलाफ है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।