केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। बता दें कि, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण आर. गवई का कार्यकाल जल्द समाप्त होने वाला है। इसी के तहत केंद्रीय कानून मंत्रालय ने उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का अनुरोध किया है। इससे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई अगले महीने 23 नवंबर की तारीख को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।
परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मौजूदा मुख्य न्यायाधीश से उनके कार्यकाल खत्म होने से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने को कहता है। इसके बाद, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश का नाम आगे बढ़ाते हैं, “जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त और योग्य माना जाता है।” CJI भूषण आर. गवई के बाद, जस्टिस सूर्यकांत को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की सबसे संभावित दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि CJI गवई की औपचारिक सिफारिश के बाद जस्टिस सूर्यकांत को भारत के अगले चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद, परंपरा के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत मौजूदा मुख्य न्यायाधीश के साथ महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णयों में भाग लेना शुरू करेंगे, ताकि वे इस भूमिका से जुड़ी जिम्मेदारियों से परिचित हो सकें।
जस्टिस सूर्यकांत कौन हैं?
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर भारत के सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री (LLB) प्राप्त की। उसी साल उन्होंने हिसार की जिला अदालत में वकालत की शुरुआत की। इसके बाद 1985 में वे चंडीगढ़ चले गए, जहाँ उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने करियर में एक मजबूत मुकाम हासिल किया।
साल 2000 में, जस्टिस सूर्यकांत को हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया। इसके बाद 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 2018 में वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) बने और इसके अगले ही साल, 2019 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा, जब वे सेवानिवृत्त होंगे।