Karur Stampede Case: एक्टर विजय की रैली में पिछले दिनों तमिलनाडु के करूर में भगदड़ मच गई थी जिसमें 41 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस अब मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया है और जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में एक तीन-सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
निष्पक्ष जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एनवी अजारिया की पीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेट्टी कजगम (TVK) और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया, जिनमें स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी। TVK ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि तमिलनाडु पुलिस के अधिकारियों द्वारा अकेले जांच किए जाने पर निष्पक्षता संभव नहीं है, और भगदड़ के पीछे 'कुछ उपद्रवियों की पूर्व नियोजित साजिश' का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है, जिसमें उच्च न्यायालय ने त्रासदी की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन का निर्देश दिया था।
TVK नेताओं पर लगे आरोपों पर भी सुनवाई
TVK ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया था कि पार्टी और अभिनेता-नेता विजय के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को हटा दिया जाए।मद्रास हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि TVK और विजय 'घटना के बाद मौके से भाग गए और कोई खेद व्यक्त नहीं किया।' TVK ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी।
पुलिस के अनुसार, 27 सितंबर को हुई इस दर्दनाक घटना में विजय की रैली में अनुमानित 27,000 लोग शामिल हुए थे, जबकि इसकी अनुमति केवल 10,000 लोगों के लिए थी। अधिकारियों ने त्रासदी के लिए आंशिक रूप से विजय के आने में हुई सात घंटे की देरी को जिम्मेदार ठहराया था, जिससे अचानक एक्टर के आने पर घंटों से इंतजार कर रही भीड़ बेकाबू हो गई थी।