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Sikkim Landslide: सिक्किम और राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर भारी बारिश से भूस्खलन, रेलवे सुरंग की सुरक्षा ढांचा गिरा और रास्ता हुआ बंद

Sikkim Landslide: सिक्किम और इसके आस-पास के क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे रेलवे परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को बड़ा नुकसान पहुंचा है। हाल ही में सेवोक-रंगपो रेलवे सुरंग के पास सुरंग की ढलान की सुरक्षा करने वाला कंक्रीट का ढांचा धराशायी हो गया। इस स्थिति की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को तीन दिनों के लिए बंद करना पड़ा है। प्रशासन और रेलवे के अधिकारी सुरक्षा कारणों से फुर्सत पूर्वक काम कर रहे हैं ताकि यातायात और निर्माण कार्य दोबारा सुचारू हो सके।

अपडेटेड Aug 07, 2025 पर 16:15
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सिक्किम और इसके आस-पास के क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे रेलवे परियोजना और राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को बड़ा नुकसान पहुंचा है।

हाल ही में सेवोक-रंगपो रेलवे सुरंग के पास सुरंग की ढलान की सुरक्षा करने वाला कंक्रीट का ढांचा धराशायी हो गया। इस स्थिति की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को तीन दिनों के लिए बंद करना पड़ा है। प्रशासन और रेलवे के अधिकारी सुरक्षा कारणों से फुर्सत पूर्वक काम कर रहे हैं ताकि यातायात और निर्माण कार्य दोबारा सुचारू हो सके।

सिक्किम और आसपास के पश्चिम बंगाल के इलाके में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ों से मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ती चली जा रही हैं, जो जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं।

तीस्ता बाजार के पास सेवोक-रंगपो परियोजना की सुरंग संख्या 7 के पास सुरंग की ढलान की सुरक्षा करने वाला बड़ा कंक्रीट ढांचा लगभग 20 सेकंड में भूस्खलन के कारण ढह गया। यह रेलवे सुरंग सिक्किम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण परियोजना का हिस्सा है। हादसे से रेलवे निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है, जिससे परियोजना में बाधा आई है।

सुरक्षा और मरम्मत कार्य के लिए शिलिगुड़ी-रंगपो राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को सेवोक से चित्ता तक के 30 किलोमीटर हिस्से पर तीन दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया। भारी बारिश और संभावित खतरे को देखते हुए सभी कामगारों और भारी मशीनरी को सुरक्षित स्थानों पर पहले ही भेज दिया गया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।

यह 45 किमी लंबी रेल परियोजना 14 सुरंगों और कई पुलों से होकर गुजरती है। इसमें से यह सुरंग 3 किलोमीटर लंबी है और इसके भीतर देश का पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन भी बनने वाला है। भूस्खलन इस परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती है।

प्रशासन ने सड़क और रेलवे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। मलबे को हटाने का काम शुरू हो चुका है और प्रभावित क्षेत्रों में यातायात जल्द बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं। सड़क बंद होने से ट्रैवलर्स को लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ रहे हैं। लोकल प्रशासन यात्रियों की सुविधा के लिए वैकल्पिक रास्ते खोलने पर भी काम कर रहा है।

भारी बारिश के मौसम में भूस्खलन रोकने और सुरंग समेत सड़क संरचनाओं की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों और अतिरिक्त बरसाती प्रबंधन की आवश्यकता है।

रेलवे और सड़क प्राधिकरण मार्ग को सुरक्षित बनाकर जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे कार्य को पुनः शुरू करने के लिए जुटे हैं ताकि जनजीवन सामान्य हो सके।