Leh Ladakh protests News: लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर जारी आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिन से जारी अपनी भूख हड़ताल बुधवार (24 सितंबर) को वापस ले ली। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय और पुलिस की कई गाड़ियों में आग लगा दी। अचानक से सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। युवकों के हिंसक हो जाने और पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
लद्दाख की राजधानी में पूर्ण बंद के बीच आग की लपटें और काला धुआं देखा जा सकता था। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वांगचुक ने शांति की अपील करते हुए आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में एकत्र अपने समर्थकों से कहा, "मैं लद्दाख के युवाओं से हिंसा तुरंत रोकने का अनुरोध करता हूं क्योंकि इससे हमारे उद्देश्य को नुकसान पहुंचता है तथा स्थिति और बिगड़ती है। हम लद्दाख और देश में अस्थिरता नहीं चाहते।"
जैसे ही झड़पें तेज हुईं वांगचुक ने अपने X हैंडल पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें उन्होंने युवाओं से शांति का माहौल बनाये रखने और हिंसा रोकने की अपील की। लेह एपेक्स बॉडी की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन और बंद का ऐलान किया था। क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिन की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की हालत मंगलवार शाम बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
संविधान की छठी अनुसूची शासन, राष्ट्रपति और राज्यपाल की शक्तियों, स्थानीय निकायों के प्रकार, वैकल्पिक न्यायिक तंत्र और स्वायत्त परिषदों के माध्यम से प्रयोग की जाने वाली वित्तीय शक्तियों के संदर्भ में विशेष प्रावधान करती है। छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और असम की जनजातीय आबादी के लिए है।
गृह मंत्रालय और लद्दाख के प्रतिनिधियों, जिनमें एलएबी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य शामिल हैं, के बीच छह अक्टूबर को वार्ता का एक नया दौर निर्धारित है। दोनों संगठन पिछले चार वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन कर रहे हैं और अतीत में सरकार के साथ कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन के आह्वान पर लेह शहर में बंद रहा। उन्होंने बताया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ युवकों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और हिल काउंसिल के मुख्यालय पर पथराव किया। उन्होंने बताया कि शहरभर में बड़ी संख्या में तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
युवाओं के समूहों ने एक वाहन और कुछ अन्य वाहनों में आग लगा दी। बीजेपी कार्यालय को भी निशाना बनाया। उन्होंने परिसर और एक इमारत में मौजूद फर्नीचर और कागजात में आग लगा दी। स्थिति पर नजर रख रहे अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया। कई घंटों की भीषण झड़प के बाद स्थिति पर काबू पाया गया।
लेह में बंद के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद चार दिवसीय वार्षिक लद्दाख महोत्सव आखिरी दिन बुधवार को रद्द कर दिया गया। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने जैसे मुद्दों पर केंद्र के साथ प्रस्तावित वार्ता की तिथि घटाने की मांग के बीच लेह में बंद का आयोजन किया गया। उपराज्यपाल कवीन्द्र गुप्ता को लेह महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होना था। यह महोत्सव रविवार को शुरू हुआ था।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक बयान में कहा, "केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन ने जारी लद्दाख महोत्सव के अंतिम दिन और समापन समारोह को अपरिहार्य कारणों से रद्द करने की घोषणा की है। प्रशासन स्थानीय कलाकारों, सांस्कृतिक मंडलियों, पर्यटकों और लद्दाख के लोगों समेत सभी हितधारकों को हुई असुविधा के लिए गहरा खेद व्यक्त करता है।"
प्रशासन ने जनता से सहयोग और समझदारी की अपील की। उसने महोत्सव में मिले भारी समर्थन और भागीदारी के लिए सभी का आभार जताया। बयान में कहा गया है कि लद्दाख महोत्सव क्षेत्र के युवाओं और उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने तथा कौशल को निखारने का मंच देता है। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना है।