Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आर्मी को सबक ही नहीं सीखाया बल्कि दुनिया भर को ये भी दिखा दिया कि वो कितने नादान हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीयवायुसेना ने पाकिस्तानी सेना को बेवकूफ बनाने के लिए मानव रहित डमी विमानों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद सेना ने लंबी दूरी की मिसाइलों के जरिए पाकिस्तानी एयरबसों को निशाना बनाया था।
भारत ने तबाह किए थे 9 आतंकी ठिकाने
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक और कड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के 10 परिजन और उसके चार करीबी साथी मारे गए हैं। जिन इलाकों को निशाना बनाया गया, उनमें पाकिस्तान के रफीकी (शोरकोट, झंग), मुरीद (चकवाल), नूर खान (चकलाला, रावलपिंडी), रहीम यार खान, सुक्कुर और कसूर के चुनियान शामिल हैं।
इसके अलावा, पाकिस्तान के स्कार्दू, भोलारी, जैकोबाबाद और सरगोधा जैसे बड़े हवाई अड्डों पर भी हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचा है। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति का एक और मजबूत संदेश है। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर निशाना साधा।
भारत ने अपनाई थी ये रणनीति
इस पूरे ऑपरेशन में भारत ने केवल ताकत नहीं दिखाई, बल्कि एक चतुर रणनीति भी अपनाई। भारत की इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने इसका तुरंत और सटीक जवाब दिया। भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिससे वह इलाका मलबे में तब्दील हो गया।
भारत ने ऐसे बनाया पाकिस्तानी सेना को बनाया बेवकूफ
रिपोर्टस के मुताबिक, भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान की उकसाने वाली हरकतों का जवाब बेहद चालाकी और रणनीति के साथ दिया। जब पाकिस्तान ने भारत पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, तो भारतीय सेना ने 9 और 10 मई की रात को पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया। भारत की इस कार्रवाई से पहले वायुसेना ने एक कारगर रणनीति अपनाई। असली लड़ाकू विमानों की जगह पहले ऐसे मानव रहित विमान (ड्रोन) भेजे गए जो दिखने में असली फाइटर जेट जैसे लगते थे। इसका मकसद था पाकिस्तान की चीन से मिली वायु रक्षा प्रणाली को भ्रम में डालना और उसे निष्क्रिय करना। इस तरह भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ अपनी ताकत दिखाई, बल्कि रणनीतिक सोच और तकनीकी कौशल का भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
भारतीय वायुसेना द्वारा अपनाए गए इस कदम का असर यह हुआ कि पाकिस्तान के रडार सिस्टम को लगा असली लड़ाकू विमान आ रहे हैं और उन्होंने उन्हें रोकने के लिए HQ-9 मिसाइल सिस्टम को सक्रिय कर दिया। जैसे ही ये सिस्टम ऑन हुए, उनकी असली लोकेशन का पता चल गया, जिससे भारतीय सेना को जवाबी हमलों में उन्हें निशाना बनाना आसान हो गया। पाकिस्तान ने इन मिसाइल सिस्टम और रडारों को छिपाने के लिए अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट किया था लेकिन एक बार एक्टिव होने के बाद उन्हें पहचानना मुश्किल नहीं था। इस तरह भारतीय सेना ने सिर्फ तकनीकी ही नहीं, रणनीतिक तौर पर भी पाकिस्तान को चौंका दिया और दुश्मन की तैयारी को पहले ही मात दे दी।