आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इंडियन गु्डस पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की कई वजहें बताई हैं। उन्होंने कहा कि यह पक्के तौर पर पावर का इस्तेमाल है। इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि टैरिफ से ट्रंप की मोहब्बत का मामला काफी जटिल है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का पक्के तौर पर यह मानना है कि ट्रेड डेफिसिट इस बात का सबूत है कि कई देश अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं। ये देश अमेरिका में अपने सस्ते गुड्स भेजते हैं।
ट्रंप हमेशा से टैरिफ को एक हथियार के रूप में देखते आ रहे हैं
राजन ने कहा कि ट्रंप 1980 के दशक से ही ऐसा मानते आ रहे हैं। उन्होंने इस बात का भी संकेत किया कि तब रिपब्लिकन किस तरह से जापान की आलोचना किया करते थे। उन्होंने कहा कि ट्रंप हमेशा से इस सोच में विश्वास करते हैं कि टैरिफ एक जैसे मौके उपलब्ध कराने का एक रास्ता है। उन्होंने कहा कि इंडिया पर ट्रंप के टैरिफ लगाने की एक वजह उनकी यह सोच है कि यह ऐसी ड्यूटी है, जिसका पेमेंट अमेरिकी कंज्यूमर्स की जगह बाहरी लोग करते हैं।
ट्रंप को लगता है कि टैरिफ लगाकर रेवेन्यू बढ़ाया जा सकता है
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि टैरिफ रेवेन्यू हासिल करने का एक आसान रास्ता है। इससे रेवेन्यू में आने वाली उस कमी की कुछ हद तक भरपाई होगी जिसकी वजह टैक्स में अमेरिकी सरकार की तरफ से की गई कुछ कमी है। ट्रंप के टैरिफ लगाने की तीसरी वजह ऐसे उपायों का पड़ने वाला असर है। उन्होंने कहा, "यह तब अमेरिका के ताकत इस्तेमाल करने का एक जरिया होता है, जब वह अपनी मिलिट्री का इस्तेमाल नहीं करना चाहता है।"
टैरिफ के लिहाज से इंडिया के साथ ट्रंप का खराब व्यवहार
उन्होंने कहा कि टैरिफ की वजह से दूसरे देशों को परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया के साथ ट्रंप के इस शासन में दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा खराब व्यवहार हुआ है। जहां एशियाई देशों को 20 फीसदी टैरिफ की कैटेगरी में रखा गया है, वहीं इंडिया पर 25 फीसदी का बेस टैरिफ लगाया गया है। इससे पहले अप्रैल में राजन ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले की आलोचना की थी। इसे अपने ही गोल पोस्ट में गोल मारने जैसा बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इससे आखिर में नुकसान अमेरिका को ही होगा।
50 फीसदी टैरिफ का इंडिया के एक्सपोर्ट पर असर पड़ने का अनुमान
इंडियन गुड्स पर ट्रंप ने अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो गया है। इससे इंडियन गुड्स पर अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया है। माना जा रहा है कि इसका खराब असर इंडिया के एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। हालांकि, फार्मा सहित कई ऐसे आइटम्स हैं, जो इस टैरिफ के दायरे से बाहर हैं। इस बीच, इंडिया में सरकार इससे पड़ने वाले असर को कम करने के लिए कई दूसरे उपायों पर विचार कर रही है।