Delhi-NCR: दिवाली से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और NCR के लाखों निवासियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उनकी अस्थायी बिक्री को मंजूरी दे दी है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने अपने फैसले में पटाखों के इस्तेमाल पर स्पष्ट समय और तारीख की सीमाएं निर्धारित की हैं, ताकि प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सके।
दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों को केवल 18 से 21 अक्टूबर तक ही फोड़ने की अनुमति होगी। ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति 18 से 25 अक्टूबर तक रहेगी। पटाखों का इस्तेमाल शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक ही सीमित रहेगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से पटाखों की कोई सप्लाई नहीं होगी।
अदालत ने अपनाया बैलेंस अप्रोच
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 'संतुलित दृष्टिकोण' अपनाने पर जोर दिया। पीठ ने कहा कि उद्योग की चिंताओं को भी ध्यान में रखना होगा, क्योंकि पारंपरिक पटाखों की तस्करी से पर्यावरण को अधिक नुकसान होता है। मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, 'जब प्रतिबंध लगाया गया था, तो हवा की गुणवत्ता में कोई खास अंतर नहीं आया था, सिवाय कोविड-19 अवधि के दौरान।'
कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को पैट्रोलिंग टीम गठित करने का निर्देश दिया है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि केवल QR कोड वाले अनुमति प्राप्त प्रोडक्ट्स ही बेचे जा रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उल्लंघन नोटिस संलग्न करने का आदेश भी दिया गया है।
दिल्ली में GRAP का पहला फेज लागू
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक दिन पहले, मंगलवार को केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल (CAQM) ने दिल्ली-NCR में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण के तहत तत्काल उपाय लागू करने का निर्देश दिया था। यह निर्देश इसलिए दिया गया क्योंकि प्रदूषण का स्तर 'खराब' श्रेणी में आ गया है। सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 211 दर्ज किया गया था।
GRAP के स्टेज 1 के तहत अधिकारियों को धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़क की सफाई और पानी के छिड़काव को बढ़ाना होगा, खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध लागू करना होगा, निर्माण मलबे के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना होगा।