Indian Business Executives: अमेरिका ने गुरुवार (18 सितंबर) को कहा कि उसने फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीला पदार्थ) की तस्करी में कथित तौर पर शामिल होने के चलते कुछ भारतीय व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट लीडर्स के वीजा रद्द कर दिए हैं। अमेरिका ने फिर उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया है। नई दिल्ली में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार शाम को X पर यह जानकारी दी।
हालांकि, अमेरिकी दूतावास ने अपने फैसले को सार्वजनिक करते हुए उन कारोबारी नेताओं की पहचान उजागर नहीं की है जिनके वीजा आरोपों के मद्देनजर रद्द कर दिए गए हैं। इस मुद्दे पर नई दिल्ली की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। फेंटेनाइल प्रीकर्सर उन रसायनों से एक है जिनसे ड्रग्स बनाए जाते हैं।
अमेरिकी दूतावास के प्रभारी जॉर्गन एंड्रयूज ने कहा कि अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों तथा संगठनों को परिणाम भुगतने होंगे। फेंटेनाइल और अवैध ड्रग्स तस्करी के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अमेरिकी दूतावास ने इससे निपटने में सहयोग के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, "अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक ड्रग से सुरक्षित रखने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने फेंटेनाइल की तस्करी में संलिप्तता के आधार पर कुछ व्यावसायिक अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए हैं। फिर उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया गया।"
दूतावास ने आगे कहा कि यह कार्रवाई अमेरिकी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 221(आई), धारा 212(A)(2)(C) और 214(B) के तहत की गई है। अमेरिकी दूतावास ने कहा, "इस निर्णय के परिणामस्वरूप ये व्यक्ति और उनके करीबी परिवार के सदस्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं।"
दूतावास ने कहा कि वह 'फेंटेनाइल प्रीकर्सर' की तस्करी करने वाली कंपनियों से जुड़े अधिकारियों की पहचान कर रहा है। ताकि जब वे अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करें तो उन पर कड़ी जांच की जा सके। एंड्रयूज ने कहा, "नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।"
उन्होंने कहा, "अमेरिका में ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों तथा संगठनों को, उनके परिवारों सहित, परिणाम भुगतने होंगे, जिनमें USA में एंट्री से वंचित किया जाना भी शामिल हो सकता है।" दूतावास ने आगे कहा, "अमेरिका में फेंटेनाइल और इसके पूर्ववर्ती उत्पादों के प्रवाह को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।"
बयान में आगे कहा गया है, "हम इस साझा चुनौती से निपटने में भारत सरकार में अपने समकक्षों के घनिष्ठ सहयोग के लिए उनके आभारी हैं। साथ मिलकर काम करने से ही हमारी दोनों सरकारें इस अंतरराष्ट्रीय खतरे का समाधान कर पाएंगी। साथ ही दोनों देशों के लोगों को अवैध नशीले पदार्थों से सुरक्षित रख पाएंगी।"
इससे पहले अमेरिका ने भारत को चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत उन 23 देशों की लिस्ट में शामिल किया, जहां ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी की जाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके केमिकल्स के उत्पादन और तस्करी के जरिए ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं।