Bengal Assembly: पश्चिम बंगाल विधानसभा में जदरदस्त हंगामा! विधायकों के बीच हाथापाई, 5 बीजेपी विधायक सस्पेंड

West Bengal Assembly: भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के मुख्य सचेतक शंकर घोष को बंगाली प्रवासियों पर अत्याचार से संबंधित एक सरकारी प्रस्ताव को लेकर चर्चा के दौरान हंगामा करने के कारण पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। इस दौरान टीएमसी और बीजेपी विधायकों के बीच हाथापाई भी हुई

अपडेटेड Sep 04, 2025 पर 4:28 PM
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West Bengal Assembly: CM ममता बनर्जी के भाषण के दौरान बंगाल विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ

West Bengal Assembly: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार (4 सितंबर) को जमकर हंगामा हुआमुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तीखा हमला बोलाहाथापाई में बीजेपी के मुख्य सचेतक घायल हो गए। बाद में भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के मुख्य सचेतक शंकर घोष को बंगाली प्रवासियों पर अत्याचार से संबंधित एक सरकारी प्रस्ताव को लेकर चर्चा के दौरान हंगामा करने के कारण पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। इस दौरान टीएमसी और बीजेपी विधायकों के बीच हाथापाई भी हुई।

इस दौरान जब पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने बीजेपी विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष को निलंबित करने के बाद उन्हें बाहर निकालने के लिए मार्शल बुलाए, तो तनाव पैदा हो गया। बीजेपी विधायक आसन के सामने आ गए। उन्होंने "जय श्री राम" के नारे लगाए और कार्यवाही बाधित कीजबकि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी कामगारों पर हमलों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने की कोशिश कर रही थी।

पांच विधायक निलंबित


शंकर घोष के साथ भगवा पार्टी की अग्निमित्रा पॉल को भी पश्चिम बंगाल विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। स्पीकर बिमान बनर्जी ने उन्हें बाहर निकालने के लिए महिला मार्शल बुलाए। इसके अलावा तीन अन्य बीजेपी विधायकों अशोक डिंडा, बमकिन घोष और मिहिर गोस्वामी को भी सदन से निलंबित कर दिया गया हैं। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष की बेंच से उन पर पानी की बोतलें फेंकी गईं।

ममता ने बोला हमला

हंगामे के बीच ममता बनर्जी बोलने के लिए उठींसीएम ने बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर "बंगाल विरोधी" होने और बंगालियों के उत्पीड़न पर चर्चा को रोकने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रस्ताव पर बोलने वाली थीं, तभी भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद घोष को निलंबित कर दिया गया।

बीजेपी विधायकों ने जानना चाहा कि दो सितंबर को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को क्यों निलंबित किया गया था। जब घोष ने जाने से इनकार किया तो मार्शल की मदद से उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया। मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायकों के असंसदीय आचरण की निंदा की।

ममता बनर्जी ने कहा कि वे बंगाली प्रवासियों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित एक गंभीर चर्चा को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे। हंगामे के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, "बीजेपी भ्रष्टों की पार्टी है, वोट चोरों की पार्टी है। वे सबसे बड़ी डकैत पार्टी हैं। हमने संसद में देखा कि कैसे उन्होंने हमारे सांसदों को परेशान करने के लिए सीआईएसएफ का इस्तेमाल किया।"

विपक्षी बेंचों को चेतावनी देते हुए उनका हमला और तीखा हो गया। बनर्जी ने कहा, "मेरे शब्दों को याद रखना, एक दिन ऐसा आएगा जब इस सदन में भाजपा का एक भी विधायक नहीं बैठेगा। लोग आपको सत्ता से बेदखल कर देंगे। केंद्र में मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली सरकार जल्द ही गिर जाएगी।"

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विधानसभा के अंदर हंगामा करने के लिए शंकर घोष को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन तब हुआ जब बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर बोलने से पहले ही नारेबाजी शुरू कर दी। जब घोष ने जाने से इनकार कर दिया, तो विधानसभा मार्शल बुलाए गए और उन्हें घसीटकर सदन से बाहर निकाल दिया गया।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Sep 04, 2025 3:08 PM

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