इन दिनों सेहत और फिटनेस को लेकर लोगों के बीच ग्रीक योगर्ट का काफी ट्रेंड देखने को मिल रहा है, लेकिन भारतीय दही भी पारंपरिक भोजन का अहम हिस्सा है। दोनों में भरपूर प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो पाचन और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन बनावट, पोषण और डाइजेशन के नजरिए से दोनों में खास फर्क है।
भारतीय दही दूध में नैचुरल बैक्टीरिया मिलाकर जमाई जाती है, जिसमें प्रोबायोटिक्स की काफी मात्रा होती है। यह पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। साथ ही, दही में कैल्शियम, विटामिन बी12, फॉस्फोरस व पोटैशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद हैं, जो हड्डियों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। घर में बनी दही हल्की, जल्दी पचने वाली और गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाली होती है। इसमें एक्स्ट्रा शुगर या प्रिजर्वेटिव नहीं होते, इसलिए यह सादी और सेहतमंद रहती है।
ग्रीक योगर्ट दूध से बनी दही को छानकर बनाई जाती है, जिससे उसका पानी और लैक्टोज निकल जाता है इसे गाढ़ा और मलाईदार बनाता है। ग्रीक योगर्ट में प्रोटीन की मात्रा दही से दो गुना अधिक होती है और शुगर व कार्बोहाइड्रेट कम होते हैं, जो वेट लॉस या मसल बिल्डिंग वालों के लिए आइडियल है। इसकी गाढ़ी बनावट पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करती है। हालांकि बाजार में मिलने वाले ग्रीक योगर्ट में कई बार फ्लेवरिंग एजेंट्स और शुगर मिला होता है, जिससे उसके फायदे घट सकते हैं। हमेशा प्लेन और शुगर-फ्री ग्रीक योगर्ट ही चुनें।
अगर हल्की, जल्दी पचने वाली, ताजा और प्राकृतिक चीज चाहिए तो इंडियन दही बेहतर है। लेकिन अगर हाई प्रोटीन डाइट या वजन कम करना लक्ष्य है, तो ग्रीक योगर्ट अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को बैलेंस करके डाइट में शामिल किया जा सकता है, जिससे सेहत के हर फायदे मिल सकें।