दिवाली के पांच दिन के उत्सव का आज (3 नवंबर 2204) आखिरी दिन है। आज ही के दिन भाई दूज मनाया जाता है। आज के दिन बहनें अपने भाई के तिलक कर लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं। इस दिन भाई अपनी बहन के यहां भोजन करते हैं। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज मनाया जाता है। इस त्योहार को देशभर में भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, भाऊ बीज, भ्रातृ द्वितीय, यम द्वितीया, भतृ दित्य, भाई तिहार और भाई टिक्का के नाम से भी जाना जाता है।
भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1.19 बजे से लेकर 3.22 बजे तक है। इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा। ऐसे में भाई दूज के दिन तिलक लगाने के लिए कुल 2 घंटे 12 मिनट तक का समय मिलेगा।
वहीं, भाई दूज पर शाम को तिलक का मुहूर्त शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक रहेगा।
वहीं, राहुकाल इस दिन शाम 4.30 बजे से 6 बजे के बीच रहेगा। इस दिन किसी तरह का शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
थाली में जरूर रखें ये चीजें
भाई दूज के लिए थाली तैयार करते समय सबसे पहले उसमें तिलक करने के लिए रोली ,चंदन,अक्षत यानी चावल भी थाली में जरूर रखें। लाल कलावा, सुपारी, भगवान गणेश का प्रतीक है, एक चांदी का सिक्का रखें। तिलक की थाली में आप भाई को तिलक के बाद पहनाने वाली फूल माला भी जरूर रखें। साथ ही मिठाई भी थाली में रखें। इस थाली में केला जरूर रखें। इसे खिलाने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।
भाई दूज के दिन भाई को तिलक करने के लिए सबसे पहले स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद बहन भाई को तिलक करने के लिए थाली तैयार कर लें। फिर बहनें उत्तर- पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भाईयों को तिलक लगाएं। उसके बाद भाई को मिठाई खिलाने के बाद नारियल और चावल दें। इसके बाद भाई की आरती उतारें और उनके भाग्योदय और लंबी उम्र की कामना करें। भाइयों को भी अपनी बहनों को उपहार देना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि इससे भाई-बहन का स्नेह हमेशा बना रहता है।