ग्रहों और नक्षत्रों का व्यक्ति के जीवन पर भी सकारात्मक या नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे योग भी बताए गए हैं। जिनमें किए गए कार्य आपको शुभ परिणाम देते हैं। इन्हीं में से एक गुरु पुष्य योग है। ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इनमें से गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Nakshatra 2024) को सभी नक्षत्रों का राजा कहा गया है। यह बेहद शुभ माना गया है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता और शुभता में बढ़ोतरी होती है। पुष्य नक्षत्र जब गुरुवार के दिन पड़ता है, तब वह गुरु पुष्य योग कहलाता है।
पुष्य नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य हमेशा शुभ फलदायी होता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति और स्वामी शनि हैं। इसलिए पुष्य नक्षत्र शनि प्रधान है, लेकिन इसकी प्रकृति गुरु जैसी होती है। गुरु बृहस्पति के पूजा के दिन गुरुवार को इस नक्षत्र के उदय से इसका महत्व बढ़ जाता है। इस लिए इस दिन खरीदारी और पूजा का फल में भी इजाफा होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र पर क्या खरीदें
पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ योग माना गया है। दिवाली से 7 दिन पहले यानी आज (24 क्टूबर 2024) यह नक्षत्र है। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र के उदय से ही इसे गुरु पुष्य नक्षत्र या गुरु पुष्य योग कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना-चांदी और अचल संपत्ति खरीदने से बहुत फायदा मिलता है। माना जाता है कि, इस नक्षत्र में आप जो भी चीज खरीदते हैं वो बरकत देती है। उससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पारिवारिक जीवन सुखमय बना रहता है। इसी के साथ आप इस योग में नए काम की शुरुआत भी कर सकते हैं। ऐसा करने से उस काम में सफलता मिलती है। इस योग में खरीदी गई वस्तुएं जल्द खराब नहीं होती हैं और लंबे समय तक काम करती हैं।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पुष्य योग में धन की देवी माता लक्ष्मी और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन आप लक्ष्मी जी की कृपा के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। वहीं गुरु पुष्य योग में आप इस नक्षत्र के देवता यानी शनि देव और देवगुरु बृहस्पति की पूजा भी कर सकते हैं। जिससे साधक को जिंदगी भर फायदा ही फायदा होता है।
गुरु पुष्य योग में लाल गाय को गुड़ खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन चांदी का एक चौकर खरीदकर लाएं और फिर उसका पूजन करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होता है और परिवार के सदस्यों की उन्नति होती है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गईं चीजें अक्षय होती हैं। अक्षय का अर्थ होता है जिसका कभी क्षय ना हो। यानी खराब नहीं होती हैं।
डिस्क्लेमर - यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रही है। ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेंट का मकसद सिर्फ आपको बेहतर सलाह देना है। इस मामले में हम किसी भी तरह का कोई दावा नहीं करते हैं।