साल 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगने वाला है। 12 साल में एक बार लगने वाला महाकुंभ इस बार प्रयागराज में लगेगा। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर लगने वाले इस महाकुंभ मेले में दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। त्रिवेणी संगम में तीन नदियां गंगा, यमुना और सरस्वती आपस में मिलती हैं। इन तीनों नदियों का मिलन प्रयागराज के संगम में होता है। प्रयागराज एक तीर्थस्थल है। इस बीच राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ के दौरान मुख्य (शाही) स्नान के दिन कोई प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। हर स्नान पर्व पर संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की जाएगी।
बता दें कि 13 जनवरी को पहला और 14 जनवरी को मकर संक्रांति का दूसरा स्नान पर्व है। 29 जनवरी को सबसे बड़ा मौनी अमावस्या का स्नान होगा। इस स्नान पर्व पर 6-8 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया गया है। 3 फरवरी को बसंत पंचमी फिर 12 फरवरी और 26 फरवरी को दो और स्नान होंगे। कुल मिलाकर महाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान होने हैं।
सीएम योगी ने महाकुंभ मेले का लिया जायजा
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें हर तीर्थयात्री और पर्यटक की सुरक्षा और सुविधा को सरकार की पहली प्राथमिकता बताया। सीएम योगी ने कहा कि हर श्रद्धालु की बिना भेदभाव सुरक्षा करना और सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, अग्निशमन, घाट सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा तंत्र को और पुख्ता करना जरूरी है। सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों को 24 घंटे एक्टिव रहना होगा। इंटेलीजेंस को और मजबूत करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के दौरान एंटी ड्रोन सिस्टम के प्रभावी इस्तेमाल के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी रेहड़ी-पटरी वालों, ऑटो रिक्शा चालकों और ई-रिक्शा चालकों के पुलिस सत्यापन तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही सीएम योगी ने महाकुंभ के लिए चलाई जाने वाली करीब 550 शटल बसों को 5 जनवरी से चलाने के भी निर्देश दिए हैं।
फर्जी खबरों पर कड़ाई से लगाम लगाने के निर्देश
उन्होंने सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया पर फर्जी खबरों पर कड़ाई से लगाम लगाने के भी निर्देश दिए है। सीएम योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा से चिढ़ने वाले लोग महाकुंभ को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। जिन्हें सही जवाब दिया जाना चाहिए। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने सीएम योगी को बताया कि सभी अखाड़ों, महामंडलेश्वर, खालसा, दंडीबाड़ा, खाकचौक और अन्य संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन का काम पूरा हो चुका है। वहीं नई अन्य संस्थाओं को आवंटन का काम जारी है।
जानिए किसे कहते हैं शाही स्नान
हिंदू धर्म के लिए प्रयागराज का संगम बेहद पवित्र माना जाता है। प्रयागराज में गंगा- यमुना और सरस्वती नदी में होता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से श्रद्धालुओं को मोक्ष मिलता है। इसके साथ ही पापों से छुटकारा मिलता है। महाकुंभ के दौरान शाही स्नान को महत्वपूर्ण माना गया है। शाही स्नान के लिए साधु और संत अधिक संख्या में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, जिससे उन्हें पुण्य मिलता है। महाकुंभ में साधु और संत का स्नान सम्मान के साथ कराया जाता है। इसी वजह से इसे शाही स्नान कहा जाता है। साधु और संत के बाद श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान करते हैं।