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Maha Shivratri 2025: कब है शिवरात्रि? जानें पूजा का सही समय और विधि

Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा, व्रत और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, भांग, धतूरा आदि अर्पित करने से सभी संकटों का नाश होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र जाप शुभ माना जाता है

अपडेटेड Feb 22, 2025 पर 6:45 PM
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Mahashivratri 2025: इस मौके पर शिव जी की पूजा का विधान है।

महाशिवरात्रि पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। ये पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और विधि-विधान से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से की गई शिव आराधना से पुण्य की प्राप्ति होती है, सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से गंगाजल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, चावल, भांग और धतूरा आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है।

यह सभी वस्तुएं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि इन चीजों को शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी संकटों का नाश होता है और कुंडली के अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम होता है।

शिवलिंग पर अर्पित करें ये पवित्र वस्तुएं


महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर कुछ विशिष्ट चीजें चढ़ाने का विशेष महत्व है। इनका प्रयोग करने से संकटों का नाश होता है और कुंडली के अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है।

गंगाजल – इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से पापों का नाश होता है।

बेलपत्र – भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसे चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

दूध, दही और शहद – शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करने से सुख-समृद्धि आती है।

काले तिल और चावल – यह ग्रहों की शांति के लिए अर्पित किए जाते हैं।

धतूरा और भांग – शिवजी को यह विशेष रूप से प्रिय हैं और इसे चढ़ाने से मन को शांति मिलती है।

कपूर और सफेद चंदन – जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए चढ़ाया जाता है।

भस्म और आंक के फूल – यह अर्पित करने से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं।

महाशिवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

तिथि प्रारंभ – 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे

तिथि समाप्त – 27 फरवरी 2025 को सुबह 08:54 बजे

शाम का पूजा मुहूर्त – 06:19 PM से 09:26 PM

रात्रि का दूसरा पूजा मुहूर्त – 09:26 PM से 12:34 AM

महाशिवरात्रि की रात्रि जागरण पूजा का विशेष महत्व – इस दौरान की गई पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व

महाशिवरात्रि सिर्फ एक व्रत या त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता और आत्मशुद्धि का पर्व है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक है। इस दिन रुद्राभिषेक और शिव चालीसा पाठ करने से सभी संकटों का नाश होता है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत रखना, शिवलिंग पर जल चढ़ाना और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना शुभ फलदायी माना जाता है।

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