महाकुंभ 2025 में आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। अब तक 42 करोड़ से अधिक भक्त संगम तट पर पावन डुबकी लगा चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। भक्तों की भारी भीड़ के बीच, शेष दो अमृत स्नान को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। आने वाला पांचवां अमृत स्नान 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के अवसर पर होगा, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
इसके बाद 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का अंतिम स्नान होगा। प्रशासन और भक्त दोनों ही इन विशेष अवसरों के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं, जिससे यह धार्मिक आयोजन सुचारु रूप से संपन्न हो सके।
महाकुंभ के पांचवें अमृत स्नान की तिथि 12 फरवरी है, जो माघ पूर्णिमा के अवसर पर होगा। इस विशेष स्नान के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। माना जाता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
महाकुंभ का अंतिम पावन स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस शुभ अवसर पर संगम में स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने से पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है और शिव कृपा प्राप्त होती है।
गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान करने के लिए यह शुभ मुहूर्त होंगे:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 बजे से 6:10 बजे तक
अमृत काल: शाम 5:55 बजे से 7:35 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:27 बजे से 3:11 बजे तक
इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त को दान-पुण्य के लिए सबसे शुभ माना जाता है।