Makar Sankranti 2025: अगले साल किस दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति? जानें स्नान दान का समय और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति भारत के बड़े त्योहारों में से एक है। यह पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। साल 2025 में यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं

अपडेटेड Dec 26, 2024 पर 12:56 PM
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Makar Sankranti 2025: सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इससे एक दिन पहले लोहड़ी मनाया जाता है।

मकर संक्रांति साल का पहला और हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक खास त्योहार है। मकर संक्रांति हर साल कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई जाती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। इससे एक दिन पूर्व लोहड़ी मनाया जाता है। इसे हिंदू धर्म के खास त्योहार में से एक माना जाता है, जो नए साल का पहला पर्व होता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

साल 2025 में मकर संक्रांति की तिथि को लेकर लोगों के मन में दुविधा है। आइए जानते हैं कि साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी या 15 जनवरी को। साथ ही जानेंगे इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त। ये भी जानते है कि इस दिन गंगा स्नान और दान का पुण्य समय कब रहेगा?

मकर संक्रांति 2025 गंगा स्नान शुभ मुहूर्त


आमतौर पर मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को ही मनाया जाता है, लेकिन कई बार 14 या 15 तारीख को लेकर दुविधा हो जाती है। हालांकि इस साल यानी 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को ही मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 बजे से लेकर शाम 05:46 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस पुण्य काल की अवधि 8 घंटे 42 मिनट तक रहेगा। वहीं मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 9.03 बजे से शुरू होगा। यह सुबह 10.48 बजे खत्म हो जाएगा। ये महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट का होगा। ज्योतिष के मुताबिक, इन दोनों ही समय में स्नान और दान करना बहुत शुभ होगा।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य के पूजा की मान्यता है। इस दिन भगवान सूर्य का पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में जाने के साथ दिन बड़े होने लगते हैं। ठंड का प्रकोप धीरे-धीरे कम होने लगता है। मकर संक्रांति नई फसल के आने का भी प्रतीक है। इस दिन से भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर भी चलना शुरू कर देते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना समेत दूसरी पवित्र नदियों में स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है।

डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी भी प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।

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First Published: Dec 26, 2024 12:51 PM

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