Mauni Amavasya 2025: इस साल कब है मौनी अमावस्या? जानिए इस दिन के खास महत्व और सही पूजा विधि

Mauni Amavasya 2025: माघ मास की अमावस्या, मौनी अमावस्या, इस साल 29 जनवरी को है। यह दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पुण्य कार्य करने का विशेष अवसर है। मौन व्रत से मानसिक शांति और आत्मसुधार की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान, भगवान की पूजा और मंत्र जाप से मोक्ष और पुण्य मिलता है

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 2:12 PM
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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या का दिन खुद को समझने और भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

Mauni Amavasya 2025: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है जो इस साल 29 जनवरी को पड़ रही है। यह दिन महाकुंभ के दौरान विशेष महत्व रखता है जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह दिन पितरों को तृप्त करने का भी होता है इसलिए इस दिन विशेष रूप से दान और पुण्य कार्य करने की परंपरा है। मौनी अमावस्या का दिन मानसिक शांति, आत्मचिंतन और आत्मसुधार के लिए अच्छा माना जाता है।

इस दिन मौन व्रत रखकर व्यक्ति अपने विचारों और कर्मों पर नियंत्रण रखते हुए धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाता है। यह अवसर सभी के लिए मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति का एक अहम समय होता है।

मौनी अमावस्या का उद्देश्य


मौनी अमावस्या का दिन खुद को समझने और भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इस दिन मौन रहने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मा से जुड़ने की कोशिश की जाती है। यह दिन ध्यान और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करता है जिससे व्यक्ति अपने विचारों और कामों पर नियंत्रण रखता है।

मौन क्यों रहते हैं?

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मनु ने इसी दिन गंगा स्नान कर तप और ध्यान किया था। इस कारण इसे "मौनी अमावस्या" कहा जाता है। इस दिन व्यक्ति को अपने मन, वचन और कर्मों पर नियंत्रण रखते हुए सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

मौनी अमावस्या पर पूजा विधि

मुहूर्त में स्नान करें: इस दिन विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करना अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। यदि गंगा में स्नान संभव न हो, तो घर पर गंगा जल का प्रयोग करके स्नान करें।

मौन व्रत रखें: मौन व्रत से वाणी और मन की शुद्धि होती है।

दान-पुण्य करें: इस दिन अन्न, वस्त्र, तिल, घी, और दक्षिणा का दान करना विशेष लाभकारी माना जाता है।

भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा करें: भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों के साथ अर्पण करें और सूर्यदेव की पूजा करें।

मंत्र जाप करें: "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करें।

मौनी अमावस्या के लाभ

पवित्र स्नान: गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दान-पुण्य से लाभ: दान-पुण्य करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव में कमी आती है।

आध्यात्मिक उन्नति: मौन व्रत और ध्यान से आत्मसंयम और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।

मौन व्रत का महत्व: इस दिन मौन रखने से मानसिक स्थिति शांत होती है और ध्यान के माध्यम से आत्मिक उन्नति होती है।

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First Published: Jan 27, 2025 2:12 PM

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