दिवाली का त्योहार आने वाला है। इसके एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। दिवाली का त्योहार हिंदुओं के त्योहारों में बड़े त्योहारों में से एक है। एक दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली पर्व के इस दूसरे दिन के पर्व को रूप चतुर्दशी और छोटी दीवाली भी कहा जाता है। परंपराओं के मुताबिक, दीपावली से पहले की जाने वाली साफ-सफाई के काम का यह आखिरी दिन होता है। उत्तर भारत में दिवाली का त्योहार 5 दिन तक मनाया जाता है।
दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस बार छोटी दिवाली का त्योहार 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस रात 1 दीपक मृत्यु के देवता यम के लिए जलाने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। 16,000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था।
नरक चतुर्दशी 2024 तिथि और सही समय
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस साल छोटी दिवाली का त्योहार 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर 01.16 बजे से शुरू हो जाएगी। इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3.53 बजे होगा। यह त्योहार शाम के समय मनाया जाता है। इसलिए यम का दीपक 30 अक्टूबर को ही जलाना शुभ रहेगा। नरक चतुर्दशी को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में यम का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दीपक जलाने से परिवार के सदस्यों की असामयिक मौत का भय दूर हो जाता है। साथ ही, प्रार्थना की जाती है कि यमदेव नरक के द्वार बंद कर दें। हमें सेहममंद रखें। ऐसा करने वाले लोगं पर यम की कृपा होती है। इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती है और घर में दीपक जलाए जाते हैं।
ज्योतिषियों का कहना है कि नरक चतुर्दशी की शाम या रात को यम दीप जलाना चाहिए। ऐसे में इस साल 30 अक्टूबर को शाम 05:30 बजे से शाम 7 बजे तक यम दीप जलाने का सबसे अच्छा समय है।
यम का दीपक जलाने के लिए एक चौमुखी दीपक लेना चाहिए। इसमें 4 बत्तियां इस तरह लगाएं जो चारो दिशाओं में फैली हों। इसके बाद दीपक में सरसों का तेल भर दें। फिर इस दीपक को जलाने के बाद पूरे घर में घुमा दें। घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में रख दें। हालांकि, रिवाजों के अनुसार, आप किसी नाली के पास या कहीं और भी रख सकते हैं।