महाकुंभ का आयोजन भारत में हर 12 साल में एक बार होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है। जिसमें करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत, और पर्यटक आते हैं। महाकुंभ मेले का आयोजन चार प्रमुख स्थानों पर होता है। इन शहरों में हरिद्वार (गंगा नदी), प्रयागराज (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम), उज्जैन (क्षिप्रा नदी) और नासिक (गोदावरी नदी) शामिल हैं। बात करें इस साल की तो इस साल महाकुंभ का आयोजित प्रयागराज में किया जा रहा है। न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेश से भी लोग महाकुंभ में शामिल होने भारत आते हैं। ऐसे में अगर आप अपने परिवार के साथ महाकुंभ में जाने का प्लान कर रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना आपके लिए जरूरी है।
महाकुंभ को देखने के लिए जा रहे हैं तो सबसे पहले सही से प्लानिंग करें। आप कब महाकुंभ जाएंगे उसकी तारीख तय करें और अपने परिवहन व्यवस्था का इंतजाम करें। दरअसल, कुंभ में अलग-अलग स्नान तिथियां होती हैं। आप उस दिन स्नान का प्लान बनाएं, जब भीड़ कम हो। महाकुंभ के शुरुआत में शाही अखाड़े स्नान करते हैं।
पहले से करें रहने की व्यवस्था
महाकुंभ के समय होटल मिलना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आप पहले से ही होटल, धर्मशाला या टेंट सिटी में रुकने की व्यवस्था कर लें। भीड़भाड़ वाले दिनों में ठहरने की जगह ढूंढना मुश्किल हो सकता है। आखिरी समय में आपको होटल या धर्मशाला के लिए अतिरिक्त पैसे देने पड़ सकते हैं।
अगर आपके साथ बुजुर्ग और बच्चे भी जा रहे हैं तो आपको सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। इस दौरान अपने साथ प्राथमिक चिकित्सा किट और आवश्यक दवाइयां रखें। इसकी वजह ये है कि महाकुंभ जनवरी के समय लगेगा। इस दौरान कड़क ठंड पड़ती है।
बच्चों के गले में पहनाएं पहचान पत्र
अक्सर कुंभ में बच्चों के खोने का डर होता है। ऐसे में उनके गले में एक आई कार्ड बनाकर लटका दें। इस कार्ड में एक से दो मोबाइल नंबर के साथ बच्चे और माता-पिता का नाम और घर का पूरा पता लिखें।
अपने साथ कुछ कैश जरूर रखें। कई बार नेटवर्क ठीक तरह से काम नहीं कर पाते। ऐसे में आपका टाइम बर्बाद हो सकता है। कैश रखने से खाने-पीने की चीजें लेने में आसानी होगी। ध्यान रखें कि ज्यादा कैश भी न रखें। कैश के साथ-साथ अपने कार्ड का भी ध्यान रखें।