Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी का दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए खास होता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है। यह व्रत खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो संतान की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से संतान को खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, इस व्रत को सही तरीके से रखने से परिवार के सभी सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
यदि व्रत को विधिपूर्वक रखा जाए तो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। यह दिन घर के वातावरण को सकारात्मक और सुखद बनाता है, जिससे जीवन में खुशियाँ बनी रहती हैं। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में हर प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और मन की शांति प्राप्त होती है।
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस वर्ष 10 जनवरी 2025 को दोपहर 12:22 बजे शुरू होकर 10 जनवरी 2025 को सुबह 10:19 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर पुत्रदा एकादशी व्रत 10 जनवरी 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा। पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर किया जाता है। इस बार पारण का शुभ मुहूर्त 11 जनवरी 2025, शनिवार को सुबह 7:15 से 8:21 के बीच रहेगा।
1 - ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
2 - सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
3 - चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
4 - प्रतिमा का अभिषेक करें, पीला वस्त्र और सोलह श्रृंगार अर्पित करें। पंचामृत, पंजीरी, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं।
5 - पूजा के दौरान विष्णु चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
6 - पूजा के अंत में भोग को प्रसाद के रूप में बांटे।
इन चीजों का रखें विशेष ध्यान
पौष पुत्रदा एकादशी के व्रत में उपवासी लोग दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च, सेंधा नमक और राजगीर का आटा जैसी चीजें खा सकते हैं। व्रत करने वाले यह ध्यान रखें कि नारायण की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। इसके साथ ही, प्रसाद तैयार करते समय पूरी तरह से पवित्रता का ख्याल रखें ताकि व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो सके।