बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का निधन इंडियन इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है। लेकिन, बजाज को कैसे वे करोड़ों भारतीय भूल सकते हैं, जिनकी जिंदगी का कई दशकों तक बजाज अभिन्न हिस्सा रहा। हम बात कर रहे हैं बजाज स्कूटर की और इसके विज्ञापन 'हमारा बजाज' की।
'हमारा कल हमारा आज बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर- हमारा बजाज।' दूरदर्शन पर आने वाले इस विज्ञापन ने हर घर में अपनी पहुंच बना ली थी। बजाज का मतलब स्कूटर होता था, जिसकी याद यह जिंगल दिलाता रहता था। शायद ही किसी दूसरे विज्ञापन ने करोड़ों लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई हो।
1989 में लॉन्च हुआ था विज्ञापन
बजाज ऑटो ने 1989 में 'हमारा बजाज' विज्ञापन शुरू किया था। तब दूरदर्शन पर बी आर चोपड़ा का महाभारत आता था। उसे टीवी पर देखने के लिए बड़ी संख्या में पास-पड़ोस के लोग इकट्ठा होते थे। जिस तरह जेहन में उस महाभारत की यादें बसी हैं, उसी तरह बजाज के इस विज्ञापन की भी। घर में बजाज का स्कूटर होना पड़ोस और रिश्तदारों के बीच परिवार की हैसियत बढ़ाता था।
2006 में बंद हुआ बजाज स्कूटर का उत्पादन
आज वह बजाज स्कूटर हमारे घर में नहीं है। लेकिन, 70 और 80 के दशक में जन्मा शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसके अनगिनत सपनों को पूरा करने में इस स्कूटर की भूमिका नहीं रही हो। 2006 में बजाज ऑटो ने स्कूटर बनाना बंद कर दिया था।
अलक पदमसी ने तैयार किया था विज्ञापन
यह विज्ञापन दिग्गज विज्ञापन निर्माता एवं रंगमंच की दुनिया की मशहूर शख्सियत अलक पदमसी के दिमाग का उपज था। बजाज चेतक बजाज ऑटो का सबसे पॉपुलर स्कूटर था। हालांकि, कंपनी ने बाद में बजाज सुपर और बजाज कब नाम से भी मॉडल पेश किए थे। लेकिन, बजाज की पहचान चेतक स्कूटर ही होता था।
इन कंपनियों से था मुकाबला
तब का दोपहिया बाजार आज के मुकाबले काफी अलग था। बजाज का मुकाबले करने वाली कोई दूसरी कंपनी नहीं थी। तब बाजार में लैंब्रेटा और विजय सुपर इसके मुकाबले में थे। लेकिन, इन दोनों स्कूटर बजाज के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते थे। यही वजह है कि बजाज का स्कूटर खरीदने के लिए नंबर लगाना पड़ता था। काफी इंतजार के बाद कंपनी इसे खरीदने का मौका देती थी।
13 साल बाद फिर से स्कूटर का उत्पादन
राहुल बजाज ने अपने बड़े बेटे राजीव बजाज को बजाज ऑटो की जिम्मेदारी सौंप दी थी। राजीव ने कारोबारी रणनीति के तहत स्कूटर का उत्पादन बंद करने का फैसला लिया। इसके बजाय उन्होंने मोटरसाइकिल पर अपना फोकस रखने का फैसला किया। उनके इस फैसले से राहुल बजाज खुश नहीं थे। आखिर, करीब 13 साल बाद बजाज ने फिर से स्कूटर बनाने का फैसला किया। वह इलेक्ट्रिक स्कूटर बना रही है।