Budget 2024: कैपिटल एक्सपेंडिचर में बढ़ोतरी और कैपिटल गेन्स टैक्स में राहत चाहता है शेयर बाजार

शेयर बाजार नई ऊंचाई पर है और ऐसे में बजट को लेकर भी उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि, आम चुनावों के कारण यह सिर्फ अंतरिम बजट होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति सुधारने के लिए सरकार लगातार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च बढ़ा रही है और इससे कैपिटल गुड्स और पीएसयू स्टॉक्स में तेजी है

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 7:16 PM
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Budget 2024 : बाजार को उम्मीद है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ उपायों का ऐलान करेगी।

शेयर बाजार नई ऊंचाई पर है और ऐसे में बजट को लेकर भी उम्मीदें बढ़ गई हैं। हालांकि, आम चुनावों के कारण यह सिर्फ अंतरिम बजट होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति सुधारने के लिए सरकार लगातार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च बढ़ा रही है और इससे कैपिटल गुड्स और पीएसयू स्टॉक्स में तेजी है। इस वजह से निफ्टी सीपीएसई (Nifty CPSE) इंडेक्स में पिछले एक साल में 80 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे इनवेस्टर्स की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ है और बाजार में बुलिश पैटर्न बना है।

बाजार को उम्मीद है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ उपायों का ऐलान करेगी। FMCG कंपनियों को 20-35% सेल्स ग्रामीण इलाकों से मिलती है और ऊंची महंगाई दर के कारण इन कंपनियों की वॉल्यूम में गिरावट है। ग्रामीण क्षेत्रों में मांग को बढ़ावा देने वाले किसी भी उपाय का बाजार स्वागत करेगा। शेयर बाजार 1 फरवरी को वित्त मंत्री से चार चीजें सुनना चाहेगा।

कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ज्यादा जोर


ज्यादातर फंड मैनेजरों का मानना है कि बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ज्यादा जोर होना चाहिए। मैनेजरों को उम्मीद है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ने से प्राइवेट कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा मिल सकता है। INVAsset PMS में पार्टनर और फंड मैनेजर अनिरुद्ध गर्ग ने बताया, ' कैपिटल प्रोजेक्ट्स में निवेश करना तात्कालिक जरूरतों पर खर्च करने के बजाय भविष्य की पीढ़ी की इनकम के लिए दुकान खरीदने जैसा है।' उनके मुताबिक, कैपिटल एक्सपेंडिचर में इस बार 20 पर्सेंट की बढ़ोतरी होनी चाहिए।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं

वॉटरफील्ड एडवाजर्स (Waterfield Advisors) में लिस्टेड इनवेस्टमेंट्स के डायरेक्टर केदार कदम (Kedar Kadam) का कहना है कि 2004, 2014 और 2019 के अंतरिम बजट में राहत देने वाली कई योजनाएं शामिल थीं, मसलन फूड स्कीम के लिए सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड, वन रैंक वन पेंशन, किसान सम्मान आदि। उन्होंने बताया, 'इस अंतरिम बजट में मौजूदा कुछ लोकप्रिय योजनाओं का विस्तार देखने को मिल सकता है। इनमें सभी के लिए आवास, स्वास्थ्य बीमा आदि योजनाएं शामिल हैं।'

फिस्कल डेफिसिट पर कंट्रोल

स्टॉक मार्केट चाहता है कि सरकार खर्च करे, लेकिन उसके लिए फिस्कल डेफिसिट पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है। ICRA के अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 के लिए फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 5.3 पर्सेंट रह सकता है। अगर सरकार का डेफिसिट ज्यादा होता है, तो उसे टैक्स या बॉरोइंग में बढ़ोतरी करनी होगी। इस मामले में सरकार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन से राहत मिल सकती है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में जीएसटी कलेक्शन 1.66 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 12 पर्सेंट ज्यादा है।

LTCG और STT में राहत

बजट का दिन करीब आने के साथ ही लंबे समय से चल रही मांग को लेकर उम्मीदें बढ़ जाती हैं। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) में राहत से ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, सरकार ने अब तक इस सिलसिले में कोई कदम नहीं उठाया है। सरकार एक साल में 1 लाख से ज्यादा प्रॉफिट पर 10 पर्सेंट टैक्स वसूलती है। अगर आपके पास सिक्योरिटीज एक साल से ज्यादा वक्त तक के लिए मौजूद है, तो टैक्स 15 पर्सेंट की दर से वसूला जाएगा।

MoneyControl News

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First Published: Jan 16, 2024 7:16 PM

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