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Union Budget 2024 : नौकरियां बढ़ाने पर होगा फोकस, PLI स्कीम में शामिल होंगे नए सेक्टर्स

Budget 2024 : PLI स्कीम की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी। अभी टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, टेक्सटाइल्स, मेडिकल डिवाइसेज, ऑटोमोबाइल्स, स्पेशियलिटी स्टील, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशियंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवान्स केमिकल सेल बैटरी, ड्रोन और फार्म सहित कुल 14 सेक्टर इसके तहत आते हैं

अपडेटेड Jan 19, 2024 पर 10:27 AM
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Budget 2024 : सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की थी। इसके अच्छे नतीजे आए हैं। इस स्कीम के लिए सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

Interim Budget 2024 : वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman अंतरिम बजट में PLI स्कीम का दायरा बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं। वित्तमंत्री 1 फरवरी को Union Budget 2024 पेश करेंगी। चुनावी साल को देखते हुए सरकार नौकरियों के मौके बढ़ाने के उपायों पर फोकस करना चाहती है। सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की थी। इसके अच्छे नतीजे आए हैं। ऑडिट एवं कंसल्टेंसी फर्म डेलॉयट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंतरिम बजट में पीएलआई स्कीम का दायरा बढ़ाने का ऐलान हो सकता है। गारमेंट्स, ज्वेलरी और हैंडीक्राफ्ट्स जैसे सेक्टर को इस स्कीम के दायरे में लाया जा सकता है। अभी पीएलआई स्कीम का फायदा 14 सेक्टर को मिलता है।

बजट 2024 में पीएलआई स्कीम का दायरा बढ़ाने का हो सकता है ऐलान

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को ग्लोबल डिमांड को देखते हुए कुछ नए सेक्टर्स को पीएलआई स्कीम के दायरे में लाने की जरूरत है। इससे एक तरफ निवेश बढ़ेगा जिससे नौकरियों के मौके पैदा होंगे तो दूसरी तरफ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। अभी पीएलआई स्कीम के तहत 14 सेक्टर आते हैं। इस लिस्ट को बढ़ाकर 20 करने की जरूरत है। ऑटो, फार्मा और मेडिकल डिवाइसेज से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए इनसेंटिव बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को इस स्कीम के तहत उन कंपनियों को ज्यादा इंसेटिंव देने की जरूरत है जो देश के औद्योगिक रूप से पिछड़े इलाकों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाती हैं।


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पीएलआई स्कीम से आयात पर निर्भरता घटी है

सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत पिछले साल मार्च तक 2,900 करोड़ रुपये का इनसेंटिव कंपनियों को दिया था। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपये के डिसबर्समेंट के लिए एमपावर्ड कमेटी की इजाजत मिल चुकी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में पीएलआई स्कीम बड़ा बदलाव ला सकती है। इससे ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट्स के लिए आयात पर हमारी निर्भरता घटेगी।

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अभी पीएलआई स्कीम के दायरे में आते हैं 14 सेक्टर्स

PLI स्कीम की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी। अभी टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, टेक्सटाइल्स, मेडिकल डिवाइसेज, ऑटोमोबाइल्स, स्पेशियलिटी स्टील, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशियंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, एडवान्स केमिकल सेल बैटरी, ड्रोन और फार्म सहित कुल 14 सेक्टर इसके तहत आते हैं। इस स्कीम के लिए सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

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