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फर्टिलाइजर, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर रेयर अर्थ तक... चीन से रिश्ते सुधरने पर उद्योग जगत को मिलेगा तगड़ा बूस्ट

Modi Xi meeting: SCO शिखर सम्मेलन में मोदी-शी मुलाकात से भारत-चीन के तनावपूर्ण रिश्तों में नरमी दिखी है। इससे उद्योग जगत को भी काफी फायदा हो सकता है। भारत को फर्टिलाइजर, रेयर अर्थ, इलेक्ट्रॉनिक्स और FDI में सहयोग की उम्मीद है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Aug 31, 2025 पर 8:56 PM
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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए चीनी सहयोग की कोशिश कर रहा है।

Modi Xi meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बैठक में मोदी ने कहा कि भारत आपसी भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता पर आधारित रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि दोनों देशों का सहयोग 2.8 अरब लोगों के कल्याण से जुड़ा है।

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद के कारण भारत पर 27 अगस्त से 50% टैरिफ लगा दिया है। इससे भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ा है और सरकार पर वैकल्पिक सप्लाई चैन और साझेदारियों की खोज की जिम्मेदारी आ गई है।

सूत्रों के मुताबिक, चीन के साथ रिश्तों में आई मौजूदा नरमी का इस्तेमाल भारत व्यापारिक लाभ के लिए कर सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत उर्वरक, रेयर अर्थ मिनरल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) जैसे अहम क्षेत्रों में प्रगति की उम्मीद कर रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर दबाव बढ़ा दिया है।


फर्टिलाइजर पर राहत मिलने की उम्मीद

भारत की सबसे बड़ी चिंता फिलहाल उर्वरक सप्लाई है। चीन ने इस महीने की शुरुआत में डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP), रेयर अर्थ मैग्नेट और टनल बोरिंग मशीनों पर लगे निर्यात प्रतिबंध अस्थायी रूप से हटा दिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ उठाया था।

fertilizer india farmer

हालांकि, यह राहत ज्यादा दिनों तक रहने वाली नहीं है। सॉल्यूबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि चीन अक्टूबर से विशेष उर्वरकों पर फिर से प्रतिबंध लगाएगा और यह पाबंदी पूरी दुनिया पर लागू होगी।

भारत स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स में 95% तक चीन पर निर्भर है। इनमें से 80% सीधा और 20% अप्रत्यक्ष रूप से आयात होता है। पहले सप्लाई रुकने से दाम 40% तक बढ़ गए थे। सितंबर से अंगूर और केले जैसी कैश क्रॉप्स के पीक सीजन के दौरान किसानों पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।

रेयर अर्थ और इंडस्ट्रियल इनपुट

रेयर अर्थ मिनरल्स भी भारत की प्राथमिकता हैं। मोटर, बैटरी और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए जरूरी रेयर अर्थ मैग्नेट पर इस साल चीन ने निर्यात पाबंदी लगाई थी। इससे ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा। चर्चाओं के बावजूद इन नियमों में ढील पर अब तक कोई ठोस सहमति नहीं बनी है।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पर सहयोग

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए चीनी सहयोग की कोशिश कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, कई EMS कंपनियों ने सरकार के पास प्रस्ताव भेजे हैं ताकि चीनी सप्लायर्स के साथ जॉइंट वेंचर और टेक्नोलॉजी-ट्रांसफर समझौते किए जा सकें। इनसे पीसीबी, डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा सब-असेंबली और बैटरी का घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा।

These Indian semiconductor firms are having a splendid rally on the bourses

मनीकंट्रोल के विश्लेषण से पता चलता है कि चीन भारत की 90% से ज्यादा आयात जरूरतें पूरी करता है। इनमें रेलवे के एक्सल और व्हील्स, वेटिंग मशीन, स्ट्रेप्टोमाइसिन एंटीबायोटिक, पेंसिल लीड और यहां तक कि टेबल फैन और नेल कटर जैसी लो-वैल्यू गुड्स भी शामिल हैं।

निवेश नियमों में बदलाव की तैयारी

भारत 2020 के बाद लागू प्रेस नोट 3 पर भी दोबारा विचार कर सकता है। गलवान झड़प के बाद लागू इस नियम के तहत पड़ोसी देशों से आने वाले निवेश के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी थी। सूत्रों के अनुसार, अब इस पर नरमी बरती जा सकती है। नीति आयोग ने कुछ क्षेत्रों में 24% तक चीनी एफडीआई पर मंजूरी की अनिवार्यता हटाने का सुझाव दिया है।

बिजनेस वीजा पर राहत

करीब पांच साल बाद भारत ने संकेत दिया है कि वह चीनी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे CEO, कंट्री हेड, जनरल मैनेजर और HR प्रमुखों के लिए बिजनेस वीजा मंजूर करेगा। इससे वीवो, ओप्पो, शाओमी, BYD, हायर और हाइसेंस जैसी कंपनियों को भारत में संचालन आसान होगा। अब तक इन कंपनियों के टॉप मैनेजमेंट चीन से ही भारतीय ऑपरेशंस चला रहे थे।

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मोदी-शी मुलाकात के रणनीतिक मायने

विश्लेषकों के अनुसार, मोदी-शी मुलाकात का संदेश यह है कि भारत और चीन तनावपूर्ण रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं। गलवान घाटी की झड़प और पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद बिगड़े संबंधों को रीसेट करने के प्रयास पिछले कुछ महीनों से जारी हैं।

मोदी ने जापान के योमिउरी शिम्बुन को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और दोस्ताना रिश्ते वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं

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