Finance ministry bans chatgpt & deepseek: विदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वित्त मंत्रालय में ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह फैसला गोपनीय दस्तावेजों और डेटा के संभावित लीक होने की चिंताओं के चलते लिया गया है। वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे की मंजूरी के साथ जारी यह आदेश सभी AI टूल्स और एप्लिकेशन पर लागू होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि उन्हें ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल नहीं करना है। यह कदम सावधानी के तौर पर उठाया गया है। सरकार का मानना है कि AI के इस्तेमाल से सरकारी डाटा, दस्तावेज लीक होने का खतरा है।
मंत्रालय ने विभागों को भेजे गए लेटर में क्या कहा?
मंत्रालय के सभी विभागों को एक लेटर भेजा गया है, जिसमें यह बात कही गई है। इन विभागों में डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज, DIPAM और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल हैं।
CNBC Awaaz के मुताबिक इस लेटर में कहा गया है, "यह तय किया गया है कि ऑफिस के कंप्यूटर और डिवाइसेज में AI टूल्स और AI ऐप (जैसे ChatGPT, DeepSeek, आदि) सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि ऑफिस डिवाइसेज में AI टूल्स और AI ऐप के उपयोग से सख्ती से बचा जाए। इसे सभी कर्मचारियों के ध्यान में लाया जाना चाहिए।"
यह आदेश 29 जनवरी, 2025 को जारी किया गया था, यानी केंद्रीय बजट से ठीक पहले। हालांकि, सूत्रों ने पुष्टि की है कि प्रतिबंध बजट अवधि के बाद भी प्रभावी रहेगा। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में हमारे द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब स्टोरी पब्लिश होने के समय तक नहीं दिया।