Kwality Fraud: बैंक लोन से जुड़े फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने दिग्गज डेयरी कंपनी क्वालिटी के पूर्व प्रमोटर्स की 440 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच कर ली है। ये संपत्तियां दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में स्थित हैं। इनमें जिल्ली के डीएलएफ छतरपुर में 12 हजार स्क्वॉयर यार्ड का फार्महाउस, दिल्ली के वसंत विहार और पंजाबी बाग में आवासीय संपत्तियां, हरियाणा के करनाल में रेजिडेंशियल प्लॉट और पंजाब के मोहाली में भी रेजिडेंशियल प्लॉट शामिल हैं। ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उसकी वैल्यू ₹442.85 करोड़ है।
डमी कंपनियों के जरिए था इन संपत्तियों पर कब्जा
ईडी का कहना है कि जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है, उन पर क्वालिटी के पूर्व प्रमोटर्स सिद्धांत गुप्ता और संजय ढींगड़ा का डमी कंपनियों के जरिए कब्जा था। ईडी ने आगे खुलासा किया कि इन डमी कंपनियों के निदेशक प्रमोटर्स के ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड थे। केंद्रीय एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत इन संपत्तियों को प्रोविजनल अटैचमेंट जारी किया है।
ED ने क्यों की Kwality के पूर्व प्रमोटर्स पर कार्रवाई?
ईडी का मामला सितंबर 2020 में सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। इसमें प्रमोटर्स और कंपनी पर बैंकों के कंसोर्टियम से ₹1,400 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। क्वालिटी दूध, आइसक्रीम और दूध से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स बनाकर बेचती थी। लिक्विडेट होने के बाद अब इसका मालिकाना हक बदल चुका है। ईडी का दावा है कि प्रमोटर्स ने बिक्री और बकाया देनदारों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए क्वालिटी के खातों में हेराफेरी की।
आरोपों के मुताबिक कंपनी के कारखाने में माल की वास्तविक डिलीवरी या रसीद के बिना बड़े पैमाने पर लेनदेन किए गए थे। इसके अलावा ईडी ने पाया कि फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल पैसों को इधर-उधर करने और इनके मूल को छिपाने के लिए किया गया था। ईडी के मुताबिक इन पैसों को प्रमोटर्स के निर्देशों के मुताबिक कई खातों में उन कार्यों के लिए भेजे गए जिसे लोन देने वाले बैंक ने मंजूरी नहीं दी थी। इस मामले को लेकर पिछले साल नवंबर 2024 में ईडी ने दिल्ली एनसीआर में इसके पूर्व प्रमोटर्स, निदेशकों और क्वालिटी से जुड़ी शेल कंपनियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब इसी के तहत संपत्तियों को जब्त किया गया है।