अमेरिकी सरकार ने ईरान से इंपोर्ट ऑयल की ढुलाई करने वाली कंपनियों और जहाजों के नेटवर्क पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके बावजूद 3 सितंबर को क्रूड ऑयल फ्यूचर के भाव में गिरावट देखी गई। बुधवार सुबह 9:58 बजे तक नवंबर ब्रेंट ऑयल फ्यूचर का भाव 0.29 फीसदी नीचे 68.94 डॉलर प्रति बैरल पर था। जबकि अक्टूबर WTI (West Texas Intermediate) क्रूड ऑयल फ्यूचर का 0.26 फीसदी नीचे 65.42 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था।
शुरुआती कारोबार में MCX पर सितंबर क्रूड ऑयल का फ्यूचर एक दिन पहले के बंद भाव के मुकाबले 0.35 फीसदी नीचे 5,766 रुपए पर ट्रेड कर रहा था। एक दिन पहले यह 5,786 रुपए पर बंद हुआ था। अक्टूबर वायदा 5,734 रुपए पर ट्रेड कर रहा था, जो पिछले बंद बंद भाव 5,761 रुपए के तुलना में 0.47 प्रतिशत नीचे है।
अमेरिकी सरकार ने लिया सख्त फैसला
एक दिन पहले मंगलवार को अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने ईरान से ऑयल ढुलाई करने वाली कंपनियों और जहाजों के नेटवर्क पर रोक लगा दी थी। यह नेटवर्क इराकी-किट्सीन कारोबारी का है। अमेरिका का दावा है कि ये कंपनियां ईरानी ऑयल का ट्रांसपोर्ट इराकी तेल बता के कर रही है।
इस मामले में अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है। इसके मुताबिक, वालीद खालीद हामिद अल-समराई UAE में बिजनेसमैन है। इनकी कई कंपनियां हैं जो इंटरनेशनल मार्केट में ईरानी तेल ट्रांसपोर्ट और बेचने का काम करती हैं।
क्या है इस नेटवर्क का काम
अमेरिकी सरकार का कहना है कि समराई की कंपनियां ईरान के क्रूड ऑयल को इराक का बताकर ट्रांसपोर्ट करती हैं। यूएस के मुताबिक, यह नेटवर्क ईरानी तेल को इराकी तेल के साथ गुपचुप तरीके से मिलाता है और फिर जानबूझकर इसे इराकी ऑयल बताता है। इस तरह इंटरनेशनल मार्केट में ईरानी तेल इराक के तेल के नाम पर बेचा जा रहा है। एक आंकलन के मुताबिक, अल-समराई के नेटवर्क से ईरान और उसके भागीदारों को हर साल करीब 30 करोड़ डॉलर का ऑयल ट्रांसपोर्ट और सेल करते हैं।
कहां जाएगा इंटरनेशनल ऑयल मार्केट
इंटरनेशनल ऑयल मार्केट की नजरें फिलहाल 7 सितंबर को होने वाली पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज और अलायज (OPEC+) की बैठक पर टिकी हुई है। निवेशकों को उम्मीद है कि OPEC+ प्रोडक्शन लेवल में कोई बदलाव नहीं करेगा। पिछले कुछ महीनों में OPEC+ ने कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाया है।