Gold price : 2024 में सोने ने दिया 27% रिटर्न, एसएंडपी 500 और निफ्टी 50 को छोड़ा पीछे, आगे नए हाई की उम्मीद

Gold price : दो साल के उच्चतम स्तर के करीब दिख रहा अमेरिकी डॉलर कीमती धातुओं के लिए एक अहम फैक्टर होगा। आगे के लिए कीमती धातुओं पर पूर्वानुमान बेहद बुलिश हैं,यूबीएस 2025 के अंत तक सोने को 2,900 डॉलर प्रति औंस पर जाते देख रहा है जबकि सिटी, गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने दिसंबर 2025 तक इसके लिए 3000 डॉलर का लक्ष्य रखा है

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 4:48 PM
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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि 2025 बुलियन के लिए एक सीमित दायरे वाला साल रह सकता है

Gold price : वर्ष 2024 सोने की चमक के साथ समाप्त हो रहा है, इस वर्ष सोने ने लगभग 27 फीसदी रिटर्न दिया है, जो निफ्टी और एसएंडपी 500 से मिले रिटर्न से ज्यादा है। भू-राजनीतिक उथल-पुथल ने बुलियन की सुरक्षित विकल्प अपील को बढ़ावा दिया है। 2010 के बाद से सोने के लिए यह सबसे शानदार साल रहा है। इस कीमती धातु के लिए नजरिया भी तेजी का बना हुआ है। रॉयटर्स ने मार्केटपल्स के बाजार विश्लेषक ज़ैन वावडा के हवाले से कहा, "2025 में भी इसी तरह की तेजी आ सकती है, लेकिन यह काफी हद तक भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा।" उन्होंने सोने के लिए 2800 डॉलर प्रति औंस का बेस रखा है।

राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण और नीतिगत बदलावों की संभावना ने अमेरिकी डॉलर को मजबूत किया है जिससे नवंबर से सोने की चमक कुछ कम हुई है। अमेरिकी आयातों पर उच्च टैरिफ की मंडराती आशंका महंगाई के डर को बढ़ा सकती है। यूएस फेड की टिप्पणी से भी कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। फेड प्रेसीडेंट जेरोम पॉवेल ने महंगाई के ऊंचे स्तरों पर रहने के डर से 2025 में कम दर कटौती के संकेत दिए हैं।

तीसरी तिमाही के दौरान बुलियन की कुल मांग पहली बार 100 अरब डॉलर को पार कर गई। इस साल सोने की कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाने में तीन प्रमुख कारक भूमिका निभा रहे हैं। ये हैं मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव, यूक्रेन में चल रहा युद्ध और सीरिया में बशर अल-असद के शासन का पतन। इन सभी कारणों से सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग में बढ़त हुई है।


इसके अलावा,इस साल केंद्रीय बैंक सोने के बड़े खरीदार रहे हैं,जिससे इसकी कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। हालांकि इन्होंने 2022-2023 से कम खरीदारी की है। फिर भी इस साल केंद्रीय बैंक बुलियन के नेट बॉयर रहेंगे। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक कैलेंडर ईयर 2009 की दूसरी तिमाही से लेकर अब तक लगभग 15 सालों से बुलियन के नेट बॉयर रहे हैं। इस मांग में कोई भी कमी 2025 में गोल्ड की कीमतों पर दबाव डाल सकती है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती ने सोने को और अधिक आकर्षक बना दिया है,क्योंकि इससे बुलियन रखने की अवसर लागत कम हो गई है। महंगाई से बचाव के लिए निवेशकों ने भी सोने की ओर रुख किया है,जिससे इसकी कीमत बढ़ गई है। आगे के लिए कीमती धातुओं पर पूर्वानुमान बेहद बुलिश हैं,यूबीएस 2025 के अंत तक सोने को 2,900 डॉलर प्रति औंस पर जाते देख रहा है जबकि सिटी, गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन ने दिसंबर 2025 तक इसके लिए 3000 डॉलर का लक्ष्य रखा है।

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इस साल 30 अक्टूबर को सोने की कीमत 2,788.54 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस साल सोने की कीमत को धन के भंडार और अनिश्चितताओं के खिलाफ बचाव के रूप में पहचाना गया है। अब तक निकाले गए सभी सोने का कुल मार्केट कैप लगभग 17.7 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि 2025 बुलियन के लिए एक सीमित दायरे वाला साल रह सकता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपनी आउटलुक 2025 रिपोर्ट में कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था 2025 में अनुमान के मुताबिक प्रदर्शन करती है तो सोना साल के आखिरी हिस्से में देखे गए रेंज में बना रह सकता है। इसमें कुछ उछाल की भी संभावना है। कुल मिलाकर,फेड का अधिक नरम रुख सोने के लिए फायदेमंद होगा, लेकिन लंबे समय तक विराम या नीति में उलटफेर से निवेश मांग पर और दबाव पड़ने की संभावना है।

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MoneyControl News

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First Published: Dec 25, 2024 4:48 PM

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